पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा सीमा में अवैध बांधकामों पर लगे शास्तीकर माफी की घोषणा के बाद बांधकाम धारकों में खुशी की लहर दौड गई है। राज्य सरकार ने 1000 स्क्वेयर फुट के अवैध बांधकामों पर शास्तीकर पूरा माफ करने का निर्णय लिया है। 1001 से लेकर 2000 फुट के अवैध बांधकामों पर लगे शास्तीकर को हाफ किया गया है। जिन धारकों ने अपना शास्तीकर बिल के साथ भूगतान कर चुके है उनको शास्तीकर माफी का फायदा भी मिलेगा। जिन धारकों ने शास्तीकर के साथ अपना बिल का भूगतान कर चुके है उनको घबराने की जरुरत नहीं। अगले बिल में शास्तीकर की रकम एडजस्ट की जाएगी। ऐसा पालिका करसंकलन विभाग ने कहा है।
आपको बताते चलें कि राज्य सरकार ने पहले 500 फुट तक के अवैध बांधकामों पर शास्तीकर माफी की घोषणा की थी। बाद में विरोध और मांग तथा जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए 1000 फुट तक के सभी अवैध बांधकामों पर लगे शास्तीकर को माफ करने का निर्णय लिया। 1 हजार फुट अवैध बांधकाम वाले 54 हजार धारकों ने अपना शास्तीकर का मूल बिल के साथ भूगतान कर चुके है। जबकि 1001 से 2000 फुट वाले कुल 15 हजार धारकों ने शास्तीकर की अदायगी की है। अगले बिल में भरी गई शास्तीकर की रकम को समायोजित की जाएगी। ऐसा करसंकलन विभाग की उपायुक्त स्मिता झगडे ने बताया।
राज्य सरकार ने अपने कैबिनेट की बैठक में एक और एतिहासिक निर्णय लिया है। 1 जनवरी 2000 तक के सभी अवैध बांधकामों को गुंठेवारी प्रणाली से नियमित करने का फैसला लिया है। इसका फायदा करीबन 1 लाख 25 हजार अवैध बांधकाम धारकों को मिलेगा। साथ ही गुंठेवारी की रकम से पालिका की तिजोरी भी लबालब हो जाएगी। मतलब एक तीर से दो शिकार उद्धव ठाकरे सरकार ने साधने की कोशिश की है। प्रॉपर्टी से संबंधित तीसरा निर्णय राज्य सरकार ने लिया कि अब फ्लैट खरीदी करते समय स्टैंप डयूटी रकम ग्राहक को नहीं बल्कि बिल्डर को भरना पडेगा। इससे ग्राहकों को सस्ते दाम में अपना आशियाना खरीदने का सपना साकार होगा। प्रिमियम स्कीम के तहत बिल्डरों को 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। मतलब बिल्डरों का भी सरकार ने खयाल रखा है। इस निर्णय के पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश को बढावा देना है। ताकि चरमराई अर्थ व्यवस्था पटरी पर लाया जा सके।