Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) रोझरी एजुकेशन ग्रुप के निदेशक विनय अरहाना और सलाहकार सागर सूर्यवंशी को गुरुवार को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। गबन मामले में दोनों की संलिप्तता दिखने पर यह कार्रवाई की गयी। दोनों आरोपियों को देर रात विशेष अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश सुनील वेदपाठक ने रात करीब 12:30 बजे सुनवाई की और दोनों आरोपियों को 4 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। विनय अरहाना को ईडी ने 429 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
ईडी की ओर से गहन जांच की जा रही है। वित्तीय हेराफेरी की जांच सीआइडी द्वारा की जा रही है। आरोपी अरहाना के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं और अरहाना ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर एफआईआर रद्द करने की मांग की है। इसके मुताबिक, हाई कोर्ट ने अरहाना को राहत देते हुए एफआईआर रद्द कर दी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर होने के बाद सुनवाई के बाद सीआईडी को जांच करने की इजाजत दी गई थी। सीआईडी ने जांच शुरू की और विनय अरहाना और सागर सूर्यवंशी को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या था पूरा मामला
सेवा विकास सहकारी बैंक का मुख्यालय पिंपरी में था। कुल 25 शाखाओं में एक लाख ग्राहक थे। 2019 और 2020 में, बैंक ग्राहकों ने सेवा विकास सहकारी बैंक के खिलाफ आरबीआई के पास अनियमिता और गड़बड़ी,गबन की शिकायतें दर्ज कराई थी। जून 2021 में,रिजर्व बैंक द्वारा इस पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने के बाद, सेवा विकास बैंक के कुछ निदेशकों को भी गिरफ्तार किया गया और बैंक पर एक प्रशासक नियुक्त किया गया। इस संबंध में ऑडिटर के माध्यम से आरबीआई को एक रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। उसके आधार पर, पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने इस घोटाले पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) नियुक्त किया। उनकी जांच में कुल 429 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया। ईडी ने जनवरी 2023 में बैंक के पूर्व चेयरमैन अमर मूलचंदानी और अन्य आरोपियों से पूछताछ की थी। जब विनय अरहाना को बीमार होने के कारण येरवडा जेल से ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो यह बात सामने आई कि उसने ड्रग माफिया ललित पाटिल को भागने में भी मदद की थी।
विशेष न्यायाधीश के समक्ष देर रात सुनवाई
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत के आदेश के अनुसार विनय अरहाना ईडी की हिरासत में थे। सीआईडी
ने सेवा विकास बैंक धोखाधड़ी मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत से ’प्रोडक्शन वारंट’ प्राप्त किया। तदनुसार, अरहाना और सागर सूर्यवंशी को अदालत में पेश किया गया। लेकिन, चूंकि यह जमाकर्ताओं से धोखाधड़ी का मामला था, इसलिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें ’एमपीआईडी’ अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत के समक्ष पेश करने का आदेश दिया। इसलिए रात करीब 12:30 बजे अरहाना और सूर्यवंशी को स्पेशल जज सुनील वेदपाठक के सामने पेश किया गया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं के बाद आरोपयों को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुणे जिला एवं सत्र न्यायालय के इतिहास में देर रात की सुनवाई का एक रिकॉर्ड कायम हुआ है।