Mumbai News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र की महायुति सरकार में कैबिनेट मंत्री और राज्य के बड़े ओबीसी नेता छगन भुजबल ने जाति जनगणना की मांग की है। छगन भुजबल ने एक इंटरव्यू में कहा है कि केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी स्वतंत्र आरक्षण देकर 50 फीसदी की सीमा पार कर ली है। ऐसे में केंद्र सरकार मराठा आरक्षण का भी समाधान कर सकती है। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण का फैसला पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में है। छगन भुजबल एनसीपी के नेता हैं और वे वर्तमान में अजित पवार के वाले खेमे में हैं। पिछले दिनों उन्होंने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने ही उन्हें दिल्ली सरकार महाराष्ट्र सरकार में सामने होने के लिए कहा था। भुजबल ने यह भी कहा था कि उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद लेने की सलाह दी थी। अब भुजबल ने मराठा आरक्षण का हल केंद्र सरकार के हाथों में होने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी जाति जनगणना की मांग की है।
जातिवार जनगणना जरूरी है
भुजबल ने मांग दोहराई कि सभी समुदायों के आरक्षण के मुद्दों को हल करने के लिए जाति-वार जनगणना की जानी चाहिए। हम पहले ही केंद्र सरकार से इसकी मांग कर चुके हैं। जातिवार जनगणना से आपको पता चल जाएगा कि आपकी जनसंख्या कितनी है। उन्होंने तर्क दिया कि बिहार और कुछ अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी जाति-वार जनगणना की जानी चाहिए। रोहिणी आयोग ने ओबीसी के तहत वर्गीकरण के संबंध में राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने यह रुख अपनाया कि सभी राज्यों में ओबीसी को कम से कम 27 फीसदी पूर्ण आरक्षण दिया जाना चाहिए। माहौल को शांत करने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जालना में हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगी। भुजबल ने यह भी कहा कि शांति स्थापित करने के लिए माफी मांगने का कोई मतलब नहीं है।