Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) थेरगांव सोशल फाउंडेशन ने मांग की है कि थेरगांव में केजुदेवी बांध के नीचे पवना नदी में हजारों मरी हुई मछलियां सड़ने लगी हैं। इन मरी हुई मछलियों के सड़ने से क्षेत्र में काफी दुर्गंध फैलती है और जनस्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
थेरगांव सोशल फाउंडेशन के अधिकारियों ने केजुदेवी बैराज के नीचे पवना नदी के तल में हजारों मरी हुई मछलियां पाईं। चूंकि इस प्रकार की मछलियां हर साल मर जाती हैं और इसका कोई ठोस समाधान नहीं होता इसलिए फाउंडेशन की ओर से मरी हुई मछलियों और दूषित पानी को पर्यावरण विभाग के कार्यकारी अभियंता संजय कुलकर्णी को दिया गया। नदी की तलहाटी में पड़ी ये मरी हुई मछलियां अब सड़ने लगी हैं। इससे इस क्षेत्र में दुर्गंध फैल गई है और लोगों के स्वास्थ्य पर संकट खड़ा हो गया है।
फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य राहुल सरोदे ने कहा कि पवना नदी में मरी हुई मछली को मिले तीन दिन बीत चुके है। लेकिन पालिका द्वारा इन मछलियों को एकत्र कर निस्तारित नहीं करने के कारण ये सड़ने लगी हैं। इससे इलाके में दुर्गंध फैल गई है। इससे लोगों की सेहत को खतरा हो सकता है। इसलिए थेरगांव सोशल फाउंडेशन ने मांग की है कि पालिका इन मछलियों को तुरंत एकत्र कर इनका निस्तारण करे। यहां रोजाना बड़ी संख्या में नागरिक मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। चूंकि वे भी इस बदबू से परेशान हैं, इसलिए उन्होंने इसे लेकर नाराजगी जताई है। वे स्वास्थ्य के लिए खतरा भी हो सकते हैं।
हमारी मांग है कि पालिका जल्द से जल्द नदी से जलीय पौधों को हटाये। पानी पत्ती हटाने के इस काम के लिए नगर पालिका ने कुछ मजदूरों को लगाया है लेकिन ये मजदूर दिन में 1 से 2 घंटे ही काम करते हैं। इससे 3-4 महीने में भी जलपर्णी पूरी तरह नहीं निकल पाएगा। इसलिए फाउंडेशन ने मांग की है कि पालिका को अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देना चाहिए और जल्द से जल्द जलपर्णी को हटाना चाहिए। साथ ही फाउंडेशन ने मांग की है कि मछलियों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में पिंपरी-चिंचवड़ पालिका के पर्यावरण विभाग के सहशहर अभियंता संजय कुलकर्णी ने बताया कि नगर पर्यावरण विभाग ने मृत मछलियों और दूषित पानी के नमूने लेकर नगर निगम की प्रयोगशाला में भेज दिए हैं। साथ ही मरी हुई मछलियों और दूषित पानी के नमूने जांच के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल को भेजे गए हैं। नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जलपत्ती हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।