Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे की सत्र अदालत ने पुणे के संरक्षक मंत्री और राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकत पाटिल पर चिंचवड में स्याही फेंकने वाले मनोज गरबाडे समेत तीन लोगों को जमानत दे दी है।
महापुरुषों के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के बाद चंद्रकांत पाटिल को इस घटना का सामना करना पड़ा। चिंचवड पुलिस ने चंद्रकांत पाटिल मामले के बाद मुख्य आरोपी मनोज गरबाडे व तीन अन्य के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए थे। इसमें गैर इरादतन हत्या की धारा 307 लगाई गई थी। उन पर बिना अनुमति के विरोध करने का भी आरोप लगाया गया था। इनमें से कल धारा 307 लगाने को लेकर भारी हंगामे के चलते पुलिस ने यह धारा कल वापस ले ली थी।
इसी बीच नौ दिसंबर को पैठण स्थित संत विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में बोलते हुए चंद्रकांत पाटिल ने महापुरुषों को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा, स्कूल और यूनिवर्सिटी शुरू करने के लिए सरकार पर निर्भर क्यों? इस देश में स्कूल किसने शुरू किए? कर्मवीर भाऊराव पाटिल, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा फुले ने इन स्कूलों की शुरुआत की। सरकार ने उन सभी को स्कूल शुरू करने के लिए सब्सिडी नहीं दी। इसके लिए उन्होंने लोगों से भीख मांगकर स्कूल शुरु किए थे। ऐसा अपमानजनक बयान दिया था।
उनके कथन और कार्य से लोगों को लगा कि उन्होंने महापुरुषों का अपमान किया है। उसके बाद चंद्रकांत पाटिल को पूरे राज्य के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनीतिक व्यक्तियों ने भी पाटिल से उनका जवाब मांगा। इसके बाद चंद्रकांत पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माफी मांगने की कोशिश की। उसके बाद इसी गुस्से में चिंचवड के युवक द्वारा पाटिल पर स्याही फेंकने की घटना घटी।