Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) भारत की आजादी के 75 साल बाद आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली महामहिम द्रौपदी मुर्मू पूर्व राज्यपाल अब देश की सर्व़़श्रेष्ठ राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुई। उनके काम की पूरे देश में सराहना हो रही है। पुणे के पास फूलगांव में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मिलिट्री स्कूल में एक समारोह आयोजित किया गया। आदिवासी विकास परियोजना के तहत 400 आदिवासी छात्र यहां पढ़ रहे हैं और अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के आदिवासी छात्र ईश्वर पूरम परियोजना के तहत अध्ययन कर रहे हैं।
पुणे के 400 छात्रों ने ढोल-ताशा और आदिवासी नृत्य करके अपने महामहिम राष्ट्रपति के निर्वाचित होने के उपलक्ष्य में आनंदोत्सव मनाया। इन छात्रों ने पेड़े बांटे, ढोल की थाप पर आदिवासी नृत्य किया और द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनने पर बधाई देने के लिए पत्र लिखे। इन छात्रों द्वारा भेजे गए पत्र में उन्होंने मुर्मू से मिलने की उम्मीद जताई है। छात्रों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए उनसे मिलने की इच्छा भी जताई। महामहिम द्रौपदी मुर्मू एक रोल मॉडल हैं और हमारी प्रेरणा स्रोत हैं। छात्रों ने कहा कि उनकी तरह हम भी देश और समाज की सेवा करना चाहते हैं। संस्थापक अध्यक्ष दीपक पायगुडे,निदेशक शिक्षा नरहरि पाटिल,नेताजी सुभाष चंद्र बोस मिलिट्री स्कूल के प्रिंसिपल अमर क्षीरसागर,10टी इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल पी शोफिमोन,लोकसेवा इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल डेन सिंह,लोकसेवा गर्ल्स मिलिट्री स्कूल की प्रिंसिपल लक्ष्मी कुलकर्णी,छात्र, शिक्षक,स्टाफ ए.संख्या आनंदोत्सव में शामिल हुए।
महामहिम द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की एक आदिवासी नेता हैं। वह 2002 से 2004 तक ओडिशा में भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री थीं। उन्होंने झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। महामहिम द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुनी गईं। देश में अभी तक आदिवासी समुदाय का कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बन पाया है। महिलाओं,दलितों,मुसलमानों और दक्षिण भारत के व्यक्तियों ने राष्ट्रपति का पद संभाला है। लेकिन आदिवासी समाज इससे वंचित रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समुदाय को न्याय देते हुए एनडीए की ओर से उम्मीदवार बनाया और राष्ट्रपति पद तक पहुंचाकर आदिवासी समुदाय को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है।