Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) देश का पहला बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी घोटाला (पुणे बिटकॉइन घोटाला) पुणे में उजागर हुआ। पुलिस ने घोटाले का पर्दाफाश करते हुए तकनीकी मदद के लिए विशेषज्ञों की मदद ली थी। इसके लिए पुलिस ने पंकज प्रकाश घोडे (ताड़ीवाला रोड निवासी) और रवींद्र प्रभाकर पाटिल (बिब्वेवाड़ी निवासी) को साइबर विशेषज्ञ नियुक्त किया था।
हालांकि, घोटाले की जांच के दौरान यह बात सामने आयी है कि जांच में पुलिस की मदद करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र पाटिल ने 240 आरोपियों से 75 करोड़ रुपये के बिटकॉइन छीन लिए। पुलिस ने अब तक केपीएमजी कंपनी के पार्टनर रवींद्र पाटिल और अपराध में पुलिस की मदद करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी के पास से 6 करोड़ रुपये मूल्य के बिटकॉइन और अन्य चालान जब्त किए हैं।
पुणे में बिटकॉइन घोटाले की तकनीकी जांच करने के लिए पुलिस ने पंकज प्रकाश घोडे और रवींद्र प्रभाकर पाटिल को साइबर विशेषज्ञ नियुक्त किया था।उन्होंने अपनी पत्नी और भाई के नाम कुछ बिटकॉइन भेजे, लेकिन पुलिस को संदेह होने के बाद अपराध सामने आया।
जांच के लिए नियुक्त कंपनी के आउटगोइंग पार्टनर्स
केपीएमजी एक ऐसी कंपनी है जो पुलिस को जांच या अन्य कार्यों के लिए साइबर विशेषज्ञ प्रदान करती है। 2018 में पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र पाटिल इस कंपनी में कार्यरत थे। बिटकॉइन धोखाधड़ी मामले में पुलिस की सहायता के लिए उन्हें कंपनी द्वारा साइबर विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि इस अपराध के बाद पता चला है कि वह कंपनी का पार्टनर बन गया है।
पत्नी और भाई के खाते में भी बिटकॉइन
आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र पाटिल ने अवैध रूप से अर्जित बिटकॉइन को अपनी पत्नी और भाई के खाते में जमा करा दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिटकॉइन को जब्त करने के लिए उनकी पत्नी को उनका गुप्त नंबर पता था। हालांकि उनकी पत्नी कंचन पाटिल और भाई अमरनाथ पाटिल ने गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। इसकी सुनवाई सोमवार को होगी। पुलिस ने कहा कि मामले के एक अन्य आरोपी पंकड़ घोडे ने भी कुछ बिटकॉइन लिए। हालांकि पुलिस जांच कर रही है