पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) एक ओर राज्य सरकार कोरोनरों को संस्थागत पृथकवास में रखने पर जोर दे रही है,वहीं दूसरी ओर पुणे पालिका को उपयोग न होने के कारण प्रतिष्ठित देखभाल केंद्रों को बंद करना पड़ रहा है। पालिका प्रशासन ने बुधवार को तीन कोविड देखभाल केंद्रों को बंद करने और मरीजों को कर्वेनगर में एसएनडीटी और कोविड केंद्रों पर एक ही स्थान पर रखने का फैसला किया। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोरोनरों को संस्थागत पृथकवास में रखने पर जोर दिया है। पुणे पालिका ने पहली लहर की पृष्ठभूमि के खिलाफ संस्थागत पृथक्करण के लिए कोविड देखभाल केंद्र शुरू किया है। हालांकि रोगियों की संख्या बहुत सीमित है और उन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है। पालिका बुधवार को संत ज्ञानेश्वर छात्रावास,रक्षकनगर,औंध में कोविड केयर सेंटर को बंद करने का भी निर्णय लिया।
कर्वेनगर के कोविड केयर सेंटर में फिलहाल 63 मरीज हैं। इस केंद्र की क्षमता 450 है। वहीं एसएनडीटी के केंद्र में 300 की क्षमता वाले 150 मरीज हैं। इसलिए दोनों जगहों के मरीजों को एक ही जगह पर रखकर एक केंद्र को बंद किया जाएगा। स्थानीय नगरसेवकों का कोविड केयर सेंटर जारी रखने की जिद भारी पड़ रही है। हालांकि पालिका प्रशासन का मानना है कि एक ही कोविड केयर सेंटर होना चाहिए क्योंकि इस कोविड केयर सेंटर पर बड़ी राशि खर्च की जा रही है। मरीजों की संख्या तेजी से घट रही है और कोविड केयर सेंटरों की संख्या घट रही है। इसलिए विभिन्न स्थानों पर मौजूदा केंद्रों को बंद करने और अतिरिक्त क्षमता वाले केंद्रों को एक ही स्थान पर रखने का प्रस्ताव है। इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।