पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) एक बड़ी निजी टेलीकॉम कंपनी द्वारा पहले बिछाई गई 700 किमी ओएफसी केबल में से पुणे पालिका द्वारा लगभग 73 किमी केबल की मरम्मत और सड़क खोदने की अनुमति विवाद में मिली है। विरोधियों ने आरोप लगाया है कि पुणे मनपा को लगभग 73 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है क्योंकि प्रशासन ने अपने स्तर पर एक-दूसरे को अनुमति दी है। पालिका प्रशासन ने संबंधित कंपनी को काम रोकने का आदेश दिया है। पालिका आयुक्त विक्रम कुमार ने इस तरह की जांच का आदेश दिया है। एक बड़ी निजी दूरसंचार कंपनी ने पहले नवंबर में पालिका से 73 किलोमीटर केबल खोदने की अनुमति मांगी थी,जिसमें दावा किया गया था कि उसने पहले ही शहर में 700 किमी सड़कों पर 700 किमी केबल बिछाई थी।
9 दिसंबर को नगरपालिका प्रशासन ने कंपनी को शर्तों के साथ सड़कों को खोदने की अनुमति दी। खुदाई वाली सड़कों की मरम्मत करना मुख्य शर्त थी। तदनुसार इस कंपनी द्वारा सड़क खुदाई का काम शुरू किया गया। नागरिकों और नगरसेवकों की आपत्तियों के कारण कंपनी को 17 फरवरी को काम बंद करने का आदेश दिया गया । कांग्रेस नेता अरविंद शिंदे ने आरोप लगाया है कि इस अनुमति के कारण पुणे मनपा को लगभग 73 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
टेलीकॉम कंपनी पहले ही 700 किमी लंबी केबल बिछा चुकी है। शिंदे ने पूछा है कि केबल कहां बिछाई गई और कहां मरम्मत की जा रही है। शिंदे ने कंपनी द्वारा पहले रखी गई केबल के बारे में जानकारी मांगी है। संपर्क करने पर आयुक्त विक्रम कुमार ने कहा कि मैंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि परमिट के बारे में शिकायतों के बाद काम रुका हुआ था। पुणे पालिका के एक नए अधिकारी के कहने पर निजी कंपनी को 73 किमी सड़कें खोदने की अनुमति दी गई है। इससे पालिका को 73 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।