पुणेे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे में एक दिलदहला देने वाली घटना घटी। लॉकडाउन में रोजगार छीनने और बेरोजगार होने के कारण अपने सिंड्रॉम ग्रस्त बच्चे का पालन पोषण करने में मजबूर होकर गला दबाकार पहले हत्या कर दी फिर जंगल में जाकर चुपचाप दफना दिया। लेकिन किसी को इसकी भनक लग गई और पुलिस को खबर कर दी। पुलिस जंगल में जाकर खुदाई की और शव को बरामद किया। पोस्टमार्टम के लिए भेजकर दंपती को फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार तुकईनगर हिंगाणे के रहने वाले कुवंर सिंह ठाकुर उम्र 34,पत्नी सिद्धी ठाकुर उम्र 21 ने 13 दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद पता चला कि बच्चा डाउन सिन्ड्रॉम से ग्रस्त है। डॉक्टरों ने लंबे इलाज और भरपूर खर्चा आने की बात बतायी। साथ ही यह भी बताया कि ठीक होने की संभावना कम है। पति पत्नी ने गुपचुप एक योजना बनायी और गल दबाकर मार दिया फिर शव को जंगल में ले जाकर वडगांव के सिंहगढ कालेज के पीछे खड्डा खोदकर दफना दिया।
नवजात गायब होने पर किसी ने पुलिस को दी सूचना
दंपती का बच्चा गायब होने पर मंगलवार शाम को किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस दंपती के घर पहुंची और सख्ती से पूछताछ पर उन्होंने बच्चे को मारने का बात कुबूल कर ली। पुलिस की टीम उनके साथ उस जगह पर पहुंची जहां उन्होंने बच्चे को मारकर दफनाया था। पुलिस ने बच्चे का शव निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और दपंती के खिलाफ केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
लॉकडाउन में गई नौकरी तो….
पुलिस इंस्पेक्टर नंदकिशोर शेल्के ने बताया कि दंपती एक गारमेंट की दुकान पर काम करते थे। लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में वे बच्चे का इलाज नहीं करा सकते थे। सिद्धी ने बताया कि न तो वे बच्चे का इलाज करा सकते थे न ही इस स्थिति में उसकी अच्छी देखभाल कर सकते थे। उसे एक खराब जीवन देने से उसे मार देना ठीक लगा।