व्हीएसआरएस न्युज-पश्चिम बंगाल- पीएम ने कहा, ‘महिषासुर का वध करने के लिए माता का एक अंश ही पर्याप्त था, लेकिन इस कार्य के लिए सभी दैवीय शक्तियां संगठित हो गई थीं. वैसे ही नारी शक्ति हमेशा से सभी चुनौतियों को परास्त करने की ताकत रखती है. ऐसे में सभी का दायित्व है कि संगठित रूप से सभी उनके साथ खड़े हों.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी मां दुर्गा ‘दारिद्रय दु:ख भय हारिणि’ कही जाती हैं, ‘दुर्गति-नाशिनी’ कही जाती हैं. अर्थात, वो दुखों को, दरिद्रता को, दुर्गति को दूर करती हैं. इसलिए, दुर्गापूजा तभी पूरी होती है जब हम किसी के दुख को दूर करते हैं, किसी गरीब की मदद करते हैं.’
उन्होंने कहा कि आज अवसर है इन सबके सामने शीश झुकाने का, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को जीवंत किया, नई ऊर्जा से भर दिया ऐसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, शहीद खुदीराम बोस, शहीद प्रफुल्ल चाकी, मास्टर दा सूर्य सेन, बाघा जतिन को मैं नमन करता हूं.
पीएम ने कहा कि बंगाल की भूमि से निकले महान व्यक्तित्वों ने जब जैसी आवश्यकता पड़ी, शस्त्र और शास्त्र से, त्याग और तपस्या से मां भारती की सेवा की है. मोदी ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, शरद चंद्र चट्टोपाध्याय को मैं प्रणाम करता हूं. जिन्होंने समाज को नई राह दिखाई, उन ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, गुरुचंद ठाकुर, हरिचंद ठाकुर, पंचानन बरमा का नाम लेते हुए नई चेतना जगती है.
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की माटी को अपने माथे से लगाकर जिन्होंने पूरी मानवता को दिशा दिखाई, उन श्री रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभु, श्री ऑरोबिंदो, बाबा लोकनाथ, श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र, मां आनंदमयी को मैं प्रणाम करता हूं.
कहा कि दुर्गा पूजा का पर्व भारत की एकता और पूर्णता का पर्व भी है. बंगाल की दुर्गा पूजा भारत की इस पूर्णता को एक नई चमक देती है, नए रंग देती है, नया श्रृंगार देती है. ये बंगाल की जागृत चेतना का, बंगाल की आध्यात्मिकता का, बंगाल की ऐतिहासिकता का प्रभाव है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में ‘महाषष्ठी’ से दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत के मौके पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प से ‘सोनार बांग्ला’ के संकल्प को पूरा करने का आह्वान किया और कहा कि इससे राज्य की समृद्ध और संपन्न विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राज्य की सत्ता में आने की पुरजोर कोशिश कर रही बीजेपी के लिए पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को चुनाव के शंखनाद के रूप में देखा जा रहा है.