Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मुंबई रेलवे डेवलपमेंट बोर्ड (एमआरवीसी) पुणे-पुणे-लोनावला रेलवे के बीच तीसरी और चौथी लाइन के लिए संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने पर काम कर रहा है। प्रोजेक्ट की लागत को ध्यान में रखते हुए इसे 15 दिनों के भीतर जमा किया जाएगा। हालांकि यह प्रोजेक्ट कौन करेगा इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन रेलवे के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह प्रोजेक्ट सेंट्रल रेलवे के निर्माण विभाग द्वारा किए जाने की संभावना है। इस संबंध में अंतिम फैसला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लेंगे।
17 स्टेशन…
पुणे, शिवाजीनगर, खड़की, दापोडी, कसारवाड़ी, पिंपरी, चिंचवड़, अकुर्डी, देहुरोड, बेगडेवाड़ी, घोरवाड़ी, तलेगांव, वडगांव, कान्हे, कामशेत, मालवली और लोनावाला
प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी
एमआरवीसी ने चार साल पहले रिपोर्ट तैयार की थी। उस वक्त कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट की लागत करीब पांच हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान है। चार साल बाद जगह की लागत और अन्य खर्चे बढ़ गये हैं। तो अब ये प्रोजेक्ट सात हजार करोड़ का हो गया है।
इन बातों पर होगा विचार…
इस प्रोजेक्ट को ’महारेल’ को देने को लेकर विरोध हो रहा है। महारेल केवल नये स्थानों पर रूट बिछाने का काम करती है। पुणे और लोनावला के बीच डबल लेन के बगल में दो और लेन बिछाई जाएंगी। महारेल के पास इस तरह से काम करने का अनुभव नहीं है, लेकिन एमआरवीसी का काम सिर्फ मुंबई तक ही सीमित है। इसलिए, अगर हम पुणे-लोनावाला परियोजना के बारे में सोचते हैं, तो इसमें संदेह है कि काम एमआरवीसी द्वारा किया जाएगा, कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। इसलिए, यह संभावना है कि मध्य रेलवे इस परियोजना को अपने हाथ में लेगा।
पुणे और लोनावल के बीच की दूरी 63 किमी है और इसमें 17 स्टेशन शामिल हैं।
मौजूदा रेलवे लाइन के दोहरीकरण के साथ-साथ दो नई लाइनें बिछाने का विचार।
मार्गों को स्टेशनों से जोड़ने का कार्य कठिन है।
तकनीकी रूप से जटिल इस कार्य के लिए यार्ड रीमॉडलिंग की आवश्यकता है।
सिग्नल पोल बदलने पड़ेंगे। साथ ही ट्रैक का काम भी किया जाएगा।
रेलवे के अलावा किसी अन्य संस्था द्वारा ऐसा करना कठिन है।
काम का फैसला रेल मंत्रालय लेगा।
पुणे-लोनावाला रेलवे के बीच तीसरी और चौथी लाइन को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मुंबई में बैठक हुई। राज्य सरकार परियोजना की कुल लागत का 50 प्रतिशत भुगतान करेगी। इसलिए शिंदे ने इस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल) को देने के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है। हालांकि रेलवे प्रोजेक्ट किस विभाग को देना है इसका फैसला रेल मंत्रालय लेता है।
पुणे-लोनावाला रूट पर ’महारेल’ काम करेगी, इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात करेंगे। उसके बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा। अगर हमें इस प्रोजेक्ट को करने की इजाजत मिलेगी तो हम इसे जरूर करेंगे। ऐसा विनीत टोके जनसंपर्क अधिकारी, महारेल, मुंबई ने कहा।
पुणे-लोनावाला के बीच दो नए मार्गों के लिए संशोधित रिपोर्ट का काम प्रगति पर है। अभी भी यह प्रोजेक्ट ’एमआरवीसी’ के अधिकार क्षेत्र में है।ऐसा सुनील उदासी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एमआरवीसी, मुंबई ने बताया।