पटना | व्हीएसआरएस न्यूज़: प्रदेश जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष व भवन निर्माण, समाज कल्याण तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री अशोक चौधरी ने गुरुवार, 19 नवंबर को कहा कि चुनाव में सभी लोग इस बात पर लगे थे कि नीतीश कुमार की सीटें किसी तरह से कम हो जाए। सभी के टारगेट पर थे वह अकेले लड़ रहे थे। जनता ने उनके भरोसे वाले चेहरे पर फिर से यकीन किया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। हमारे सहयोगी दल भी नीतीश कुमार के चेहरे के साथ चुनाव में गए। चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार यह नहीं चाहते थे कि वह मुख्यमंत्री बने। उन्होंने अपनी यह इच्छा प्रकट भी की थी पर सहयोगी दलों के दबाव और लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए वह पुन: मुख्यमंत्री बने। अपने को आवंटित विभागों का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने यह बात कही।
अशोक चौधरी ने कहा कि दरअसल नीतीश कुमार का चेहरा लोगों के बीच भरोसे का चेहरा है। एक्जिट पोल और मतगणना के बीच के दिनों की क्या स्थिति थी बिहार में जिन्होंने नीतीश कुमार को वोट नहीं दिया वह भी परेशान थे। लोग भयभीत थे। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान वह युवाओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे थे। रोजगार की बात जब वह करते हैं तो झारखंड की बात क्यों नहीं सोचते? झारखंड में भी रोजगार का वादा किया गया था। वहां तो राजद सरकार में भी है। रोजगार कितने को मिला? रोजगार के मुद्दे पर राजद वहां सरकार से समर्थन क्यों नहीं वापस ले लेता?
आगे अशोक चौधरी ने एक साथ इतने विभागों के बोझ को ले यह स्पष्ट किया कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष का काम के साथ इतने विभागों का काम देखना संभव नहीं है। उनकी रुचि संगठन में है। भवन निर्माण विभाग का काम वह पहले से देखते रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ अन्य विभाग चले जाएंगे। सात निश्चय-2 के तहत जो योजनाएं हैं उसे जमीन पर उतारने में कम से छह महीने का समय लगेगा। वह तेजस्वी यादव नहीं हैं कि झूठ-झूठ वादा कर दें। नीतीश कुमार ने जो वादा किया है वह पूरा होगा।