पटना(व्हीएसआरएस न्यूज) बिहार चुनाव में एनडीए की ओर से जो विज्ञापन जारी किए गए है उसमें से नीतिश कुमार गायब हो गए। केवल मोदी का चेहरा दिखाई दे रहा है। क्या हैं इसके मायने? चुनावी रैलियों में नीतिश की भाषा बदल गई है। सुनने आती जनता को ही फटकारने लगते है।वोट देना हो तो दो गाली मत दो, मैं 15 साल का हिसाब नहीं दूंगा, ऐसी बयानबाजी अपने प्रचार के मंच से करते नजर आ रहे है।
बिहार विधान सभा चुनावों के पहले चरण के चुनाव में अब तीन दिन बचे हैं। इस बीच राज्य की सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए वोट करने की अपील पर बिहार के अखबारों में आज पहले पन्ने पर एक विज्ञापन छपवाया गया है। इस विज्ञापन से गठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार और चुनावों में एनडीए की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार का चेहरा गायब है। विज्ञापन में सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपी है. विज्ञापन में लिखा है,भाजपा है तो भरोसा है,एनडीए को जिताएं।
हालांकि,विज्ञापन के ऊपर एनडीए के सभी घटक दलों का चुनाव चिह्न लगाया गया है लेकिन सीएम चेहरा होने के बावजूद नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं है। यह विज्ञापन बिहार भाजपा की तरफ से प्रकाशित करवाया गया है। बिहार भाजपा के भी किसी नेता की तस्वीर विज्ञापन में नहीं है। यानी बीजेपी सिर्फ पीएम मोदी के नाम के भरोसे यह चुनाव जीतना चाह रही है, जबकि उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार हैं। बीजेपी ने विज्ञापन में चुनावी घोषणा पत्र के कुछ वायदे भी लिखवाए है।
उधर, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस विज्ञापन पर तंज कसा है और कहा है कि नीतीश जी को प्रमाण पत्र की आवश्यकता खत्म होती नहीं दिख रही है। बता दें कि बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी के 10 लाख नौकरी के वादे को मजाक बनाने और उसे असंभव करार देने के बावजूद 19 लाख रोजगार का वादा किया है। इस पर तेजस्वी ने पूछा था कि बीजेपी बताए कि उसका सीएम उम्मीदवार कौन है? ओवैसी ने भी तंज कसा था कि बीजेपी राज्य में अपना सीएम बनाना चाहती है।