दौंड(व्हीएसआरएस न्यूज) स्नेहल संजय कलभोर को दौंड तहसील में खड़की ग्राम पंचायत का सरपंच चुनी गई है। केवल 21 साल की उम्र में स्नेहल को सरपंच के रूप में निर्विरोध चुन लिया गया था। फिर उसे गाँव के घोड़े पर बिठाकर जुलूस निकाला गया। स्नेहल कलभोर खड़की को पहली बार पुणे जिले में दौंड तहसील के सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में चुना गया था। स्नेहल कलभोर को सबसे कम उम्र की सरपंच होने का सम्मान मिला है
सरपंच-उप सरपंच जुलूस घोड़े पर
स्नेहल संजय कलभोर एमसीए के दूसरे वर्ष में अध्ययनरत है। कल हुए सरपंच-उप सरपंच चुनावों में स्नेहल को सरपंच के रूप में निर्विरोध चुना गया था। चुनाव के बाद घोड़े पर गाँव से सरपंच-उप सरपंच का जुलूस निकाला गया। स्नेहल कलभोर ने गांव के विकास के लिए अपनी शिक्षा का उपयोग करने का इरादा व्यक्त किया है।
पति पत्नी सरपंच-उपसरपंच
अहमदनगर में पहली बार पति-पत्नी निर्विरोध सदस्य बने और अब गाँव को सीधे सरपंच-उप-सरपंच के रूप में चलाएंगे। जयश्री सचिन पठारे सरपंच हैं और उनके पति सचिन पठारे उप सरपंच हैं। इसलिए नगर जिले में इन दोनों पति और पत्नियों की राजनीतिक सफलता पर चर्चा की जा रही है। पति और पत्नी अब सूख रहे ग्राम पंचायत सदस्य के अधिकारों का प्रयोग करने जा रहे हैं। चुनाव के बाद सरपंच पद के लिए ओबीसी महिला आरक्षण की घोषणा की गई और जयश्री पठारे को यह सम्मान मिला और गाँव ने उनके पति सचिन पठारे को उप सरपंच बनाने का फैसला किया। इसलिए अब दोनों सरपंच और उप सरपंच के पद पर बैठे हैं।
सांगली में भी सरपंच पद
इस साल के ग्राम पंचायत चुनावों में भीमराव माने के नेतृत्व वाले समूह ने 17 में से 14 सीटें जीतीं। इतना ही नहीं इस साल भीमराव माने ने अपनी पत्नी को अपने साथ चुनाव मैदान में उतारा था और दोनों पति-पत्नी भी जीते थे। इस वर्ष ग्राम पंचायत का सरपंच आरक्षण एक खुला महिला समूह था।