Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार इस साल की आषाढ़ी वारी में हिस्सा लेंगे। पंढरपुर जाने वाले आषाढ़ी पालकी समारोह में ’एक दिन के लिए वारी का अनुभव’ गतिविधि की जाती है। इस आयोजन में लेखक, विचारक, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार भाग लेते हैं। शरद पवार इस साल इस संतों की पालकी में एक दिन के लिए शामिल होंगे। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक उल्हासदादा पवार, जगद्गुरु तुकाराम महाराज के वंशज एच.बी.पी. बापूसाहेब महाराज देहुकर,महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी, कैकाडी महाराज मठ,पंढरपुर के एच.बी.पी. भरत महाराज जाधव,मार्मिक साप्ताहिक के संपादक मुकेश माचकर,कवि अरुण म्हात्रे,प्रकृति चैनल के रवीन्द्र पोखरकर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे। ऐसी जानकारी शमसुंदर महाराज सोनार ने दी।
7 जुलाई को ’एक दिन के लिए वारी का अनुभव’
’एक दिन कम से कम वारी का अनुभव होना चाहिए’ गतिविधि पिछले दस वर्षों से क्रियान्वित की जा रही है। यह वर्ष ग्यारहवां वर्ष है और इसका आयोजन शमसुंदर महाराज सोनार के नेतृत्व में और शरद कदम, अविनाश पाटिल, वर्षा देशपांडे, सुभाष वारे, राजाभाऊ अवसक, विशाल विमल, दत्ता पाकीरे की पहल से किया गया है। इस साल 7 जुलाई को संत तुकोबारया की पालकी समारोह के दौरान सभी गणमान्य बारामती से संसार तक पैदल यात्रा करेंगे। इस पहल की जानकारी देने के लिए शामसुंदर महाराज सोनार, सामाजिक कार्यकर्ता शरद कदम ने सोमवार (17 जून) को मुंबई में शरद पवार से उनके आवास ’सिवर ओक’ पर मुलाकात की।
वारी, अनुशासन, भाईचारा, समानता के विचारों को मंडली द्वारा ’वारी का अनुभव करने के लिए एक दिन’ में भाग लेने और पूरे दिन चलने से समझा जाता है। इस बीच दोपहर तक कुछ चुनिंदा लोगों ने अपने अनुभव सुनाए। शरद कदम ने इसकी जानकारी शरद पवार को दी। शरद पवार ने कहा, यह पहल बहुत प्रशंसनीय है और सामाजिक सद्भाव बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मैं इस साल इस पहल का हिस्सा बनूंगा। अनुरोध किया गया है कि महाराष्ट्र के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों को इस गतिविधि में भाग लेना चाहिए।
पिछले पांच वर्षों से संत तुकाराम महाराज की पालकी समारोह को संविधान द्वारा चिह्नित किया गया है। समानता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय और स्वतंत्रता का जो विचार संतों ने अपने अभंग, ओव्य, ग्रंथों में रखा है, वह संविधान में परिलक्षित होता है, यह संविधान कीर्तन-प्रवचन के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। संविधान समता दिंडी पुणे से पंढरपुर तक जाती है, संविधान समता दिंडी के चालक एच.बी.पी. शामसुंदर महाराज सोनार ने शरद पवार को दिया है।