Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) बीजेपी एक मजबूत विपक्षी दल की आदी नहीं है। अब इसका कड़ा विरोध लोकसभा के अंदर और बाहर होगा। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि वह यह सरकार जब चाहे तब गिरा सकती है। लोकसभा स्पीकर पद के लिए भी कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर की मांग की,उसने संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की है,उसने कई बार आवाज दबाने की कोशिश की है,इसलिए उसने डिप्टी स्पीकर की मांग की है,अगर स्वीकार नहीं किया गया तो लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा और शक्ति परीक्षण होगा।
उस्ताद हमेशा एक दांव अपने लिए बचा कर रखता है। शरद पवार कल भी उस्ताद थे और आज भी उस्ताद हैं। ऐसा सांसद अमोल कोल्हे बोलकर अजित पवार पर ताना कसा। आप इतने निराश न हों,नवनिर्वाचित सांसद अमोल कोल्हे ने केंद्र में सत्ता परिवर्तन पर एक सुझावात्मक बयान देकर कार्यकर्ताओं से अपील की है, बस इतना कहें कि अभी केंद्र में सत्ता नहीं आई है पिछले दस सालों में बीजेपी को विपक्षी नेताओं का सामना नहीं करना पड़ा,अब बीजेपी को 244 विपक्षी सांसदों का सामना करना पड़ रहा है, वह मोशी में नागरिक अभिनंदन के मौके पर बोल रहे थे।
क्या सरकार काम कर पाएगी? यह प्रश्न है। जिस तरह से भाजपा ने दस वर्षों तक अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार किया है, उससे एनडीए सरकार में आपसी विश्वास की कमी है। अगर देश में चर्चा है कि शरद पवार झटका देंगे तो इससे पता चलता है कि उनके राजनीतिक अनुभव पर कितना भरोसा है। लोकसभा में 18 दलों के लोगों के साथ काम किया, इसलिए शिरूर लोकसभा में मराठा आरक्षण कार्ड की जरूरत महसूस नहीं हुई।
पार्टी में शामिल होने के इच्छुक लोगों की संख्या बहुत बड़ी है। अंतिम निर्णय पार्टी के विशिष्टजनों द्वारा लिया जाएगा। शरद पवार संघर्ष के दम पर साबित किया कि सच्चा राष्ट्रवादी कौन है?उन पर ध्यान न जाए इसके लिए ऐसी कहानी बनाई जा सकती है कि अंदरुनी कलह है? जब गठबंधन या गठबंधन हो तो वोट ट्रांसफर का मुद्दा अहम होता है। इससे महायुति के तीनों दलों में एक राय नहीं है। उन्हें लगता है कि जो पार्टी उनके साथ आई थी उसका वोट ट्रांसफर नहीं हुआ है।