Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) हिट एंड रन मामले में पुलिस किसी दबाव में नहीं है। मैं आमने-सामने चर्चा करने के लिए तैयार हूं।’ हमने इस मामले में कानून के प्रावधानों के अनुसार हर संभव प्रयास किया है।’ हालांकि आरोपी को 15 घंटे में जमानत मिल गई,लेकिन हम पहले ही ऊपरी अदालत में उसके साथ वयस्क जैसा व्यवहार करने की अपील कर चुके हैं। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि येरवडा पुलिस स्टेशन घटना की जांच के लिए एक एसीपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया गया है।
पुणे में हिट एंड रन मामले में पुणे पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। पुणे पुलिस ने मामला दर्ज कर अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नाबालिग बच्चे के पिता,रेस्तां एंड बार के मालिक और मैनेजर को भी हिरासत में ले लिया है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कल उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। साथ ही इस मामले की गंभीरता और बच्चे की उम्र को देखते हुए पुणे पुलिस ने उसे नाबालिग की बजाय बालिग बनाने की पुरजोर कोशिश शुरू कर दी है। हमने इस मामले में कुछ भी गलत नहीं किया है। हम कम नहीं पड़े हैं।
इस मामले में आईपीसी की धारा 304 लगाई गई है। हम अदालत में किशोर अपराधियों के साथ वयस्कों जैसा व्यवहार करने का प्रयास कर रहे हैं। किशोर न्याय अधिनियम 70 और 77 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। अमितेश कुमार ने दावा किया कि पुलिस पहले दिन से ही कानूनी कार्रवाई सही दिशा में कर रही है।
हम चर्चा के लिए तैयार हैं
अगर किसी को लगता है कि हम इस मामले में कहीं कम रह रहे हैं या गलत कर रहे हैं, या अगर किसी को लगता है कि हमने उचित कदम नहीं उठाए हैं, तो मैंने कल सार्वजनिक रूप से कहा था कि हम इस मामले पर किसी भी कानूनी पैनल के सामने खुलकर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। अगर कोई हमें सुझाव देता है कि पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों में कोई गलती है या सख्त रुख अपनाया जाना चाहिए, तो हम उस तरह की कार्रवाई पर चर्चा करने और उसे लागू करने के लिए तैयार हैं।
किसी का कोई दबाव नहीं है
इस घटना में दो लोगों की जान चली गई। इसलिए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना हमारी प्राथमिकता है।’ इस मामले में हम पर कोई दबाव नहीं था, और हमें यकीन है कि भविष्य में भी नहीं होगा। पुलिस कानून का पालन करती है। हम कानून के अनुसार चलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम इस मामले में तार्किक निष्कर्ष निकालकर आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के फ़ोन
मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और जिले के पालक मंत्री के फोन आये। इस अपराध को लेकर पुलिस महानिदेशक से भी बात की गयी है। उन्होंने सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। लोगों के मन में कोई भ्रम न रहे इसके लिए पुलिस सख्त रुख अपना रही है। हम इस भ्रम को दूर करना चाहते हैं कि पुलिस सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की भूमिका भी वही है।
हिट एंड रन केस में अब तक क्या हुआ ?
– 18 मई को सुबह 2:30 बजे पुणे के संभ्रांत इलाके कल्याणी नगर में एक अजीब हादसा हुआ।
– बेकाबू पोर्शे कार ने दो इंजीनियरों को कुचल दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
– दोनों का नाम अनीश कुर्दिया और अश्विनी कोस्टा है।
– दोनों पुणे में जॉनसन कंपनी में काम करते थे। दोस्त के तौर पर पार्टी से लौटते वक्त हुआ हादसा।
– पुणे में उन्हें पोर्शे कार ने टक्कर मार दी और उन्हें उड़ाने वाला एक सत्रह साल का लड़का था।
– इस हादसे के बाद वहां जुटी भीड़ ने लड़के की खूब पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।
– जब उसे पुलिस के हवाले किया गया तो पता चला कि वह पुणे के मशहूर बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा है।
– यह जानकर कि वह विशाल अग्रवाल का बेटा है, सभी सिस्टम काम करने लगे।
– सवाल उठाया गया कि पोर्शे जैसी कार बिना नंबर प्लेट के पुणे की सड़कों पर कैसे दौड़ रही थी।
– इसके बाद यह बात सामने आई कि कार का रजिस्ट्रेशन ही नहीं था।
– आरोपी वेदांत अग्रवाल द्वारा नशे में धुत्त तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से एक युवक और एक युवती की मौत हो गई। हालांकि 15 घंटे के अंदर ही वेंदातना कोर्ट ने जमानत दे दी है।
– कोर्ट ने यह जमानत कुछ प्रमुख नियम और शर्तों के अधीन दी है। इसके मुताबिक, कहा गया कि वेंदात को 15 दिनों तक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा।
– वेदांत अग्रवाल को 15 दिन तक ट्रैफिक कांस्टेबल के साथ चौराहे पर खड़ा होकर ट्रैफिक प्लान करना होगा, अग्रवाल को मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा, भविष्य में कोई दुर्घटना दिखे तो दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी, ये तीन शर्तें रखी गई हैं।
– वेदांत अग्रवाल पर आईपीसी 304 यानी 304 के तहत लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया गया था।
– पुलिस को शक है कि आरोपी ने शराब पी रखी थी। इसके लिए उनके खून की जांच की गई। हालांकि, इस टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही कोर्ट ने वेदांत को जमानत दे दी।
– वेदांत को जमानत मिलते देख कई लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया।
– इसके बाद इस मामले का चौंकाने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया।
– विशाल अग्रवाल के बेटे ने माना कि मैं शराब पीता हूं और पापा ने मुझे गाड़ी चलाने की इजाजत दी थी।
– इस मामले ने अब राजनीतिक मोड़ ले लिया है।
– इस मामले पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विशाल अग्रवाल के बेटे के साथ पुलिस ने विशेष व्यवहार किया। देवेन्द्र फड़णवीस ने यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि इस मामले में आरोपियों के साथ कोई विशेष व्यवहार किया गया था, तो उस समय के पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी की जांच करें और यदि यह सच है, तो तुरंत संबंधितों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें।
– इस मामले में अजित पवार गुट के विधायक सुनील टिंगरे पर इस मामले में पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश करने का आरोप लगा था। लेकिन चूंकि विशाल अग्रवाल परिचित थे, इसलिए रात को उनका पास फोन आया। विधायक सुनील टिंगरे ने कहा कि वह सुबह 3 बजे पुलिस स्टेशन गए, लेकिन पुलिस पर दबाव नहीं डाला।
– विशाल अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया। उसके बाद विशाल को गिरफ्तार किया गया। हालांकि पुणे पुलिस और छत्रपति संभाजीनगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए विशाल अग्रवाल समेत ड्राइवर और एक को गिरफ्तार कर लिया।
– इस मामले में होटल काजी के मालिक प्रहलाद भूतड़ा और मैनेजर सचिन काटकर, होटल ब्लैक के संदीप सांगले और बार काउंटर जयेश बोनकर को भी गिरफ्तार किया गया है।
– पुणे में हुए भीषण हादसे पर पुणे पुलिस की जांच पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। इसलिए विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है।
– संजय राउत ने भी इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। दुर्घटना की स्थिति में पुणे पुलिस आयुक्त वास्तव में किसकी मदद करते हैं? संजय राऊत ने पूछा ये सवाल।
-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राजनीतिक दबाव में न आने और किसी का समर्थन न करने का आदेश दिया है।
– पुणे में बार और पब का मुद्दा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है।