दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज : कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के कल 8 नवंबर को होने वाले भारत बंद को कांग्रेस, डीएमके, आप और टीआरएस ने भी समर्थन देने का एलान किया है। अब तक 11 से ज्यादा विपक्षी दल और दस ट्रेड यूनियन भारत बंद का समर्थन कर चुकी हैं।
इस बीच, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार को चेताया है कि अगर गतिरोध जारी रहता है तो आंदोलन दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहेगा, पूरे देश के लोग किसानों के समर्थन में उतरेंगे। हालाँकि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने कहा, ‘यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत करने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है।’ उन्होंने सभी से बंद को शांतिपूर्ण बनाना सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘चूंकि सरकार हमारे साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रही थी, इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया।’
वही विपक्षी दलों ने रविवार शाम संयुक्त बयान जारी कर कहा, संसद में बिना वोटिंग व चर्चा के जल्दबाजी में पास कराए गए कृषि कानून भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा हैं। ये हमारे किसानों व कृषि को तबाह करने वाले केंद्र सरकार को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए हमारे अन्नदाता किसानों की मांगें माननी चाहिए। बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, गुपकार अलायंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व अन्य के हस्ताक्षर हैं।
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, किसानों के समर्थन में कांग्रेस सभी जिला व राज्य मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी और भारत बंद की सफलता सुनिश्चित करेगी। डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा, कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग एकदम जायज है। अभिनेता कमल हासन की मक्कल निधि मयम ने भी किसानों का समर्थन किया है।
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों के साथ शनिवार को पांचवें दौर की वार्ता भी असफल रहने के बाद कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को राज्यमंत्री कैलाश चौधरी व पुरुषोत्तम रुपाला के साथ बैठक की। अब किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत नौ नवंबर को होनी है।
वही कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में है और इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा। अगर जरूरी हुआ तो सरकार किसानों की कुछ मांगों को मानते हुए इनमें संशोधन कर सकती है। देश के असली किसान कानूनों से चिंतित नहीं है और अपने खेतों में काम कर रहे हैं। कुछ दलों ने राजनीतिक फायदे के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को लालच दिया है। लिहाजा उन्हें ऐसे लोगों के लालच में नहीं आना चाहिए।
ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने कहा, अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो वह अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड लौटा देंगे। विजेंद्र रविवार को सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों का समर्थन करने पहुंचे थे। इस बीच, दो बार के एशियन खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पद्म श्री पहलवान करतार सिंह 30 दिग्गज खिलाडिय़ों के अवार्ड वापस करने के लिए रविवार की शाम दिल्ली पहुंच गए।
किसान नेता बलदेव सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से हमें वार्ता के लिए 8 तारीख दी गई थी, लेकिन उस दिन भारत बंद को तोड़ना हमें सही नहीं लगा। यह सरकार की मंशा नहीं थी। हमारी ओर से ही वार्ता के लिए 9 तारीख का समय दिया गया है।
आपको बताते चले स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा, मंगलवार को सुबह से शाम तक भारत बंद रहेगा। दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम रहेगा। दूध, फल व सब्जी पर रोक रहेगी। शादी व इमरजेंसी सेवाओं पर किसी तरह की रोक नहीं होगी।