Pcmc News देहु(व्हीएसआरएस न्यूज) देहु में पवित्र इंद्रायणी नदी,लाखों श्रद्धालुओं की आस्था व पूजा से जुड़ी है। वर्तमान में प्रदूषण से प्रभावित हो गई है और देहु में इंद्रायणी नदी में सैकड़ों मरी हुई मछलियाँ पाई गई हैं। नदी प्रदूषण का मुद्दा सामने आया है सामने। ऑक्सीजन लेवल कम होने से मछलियां मरी हैं, अगर समय रहते मरी हुई मछलियों का निस्तारण नहीं किया गया तो संभावना है कि वे सड़ जाएंगी और इलाके के लोगों की सेहत खराब हो जाएगी। मरी हुई मछलियों को देखकर पर्यावरणविदों,नदी प्रेमियों ने तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
पुणे विभागीय आयुक्त कार्यालय की प्रशासन अधिकारी आरती डोलास ने तुरंत देहु नगर पंचायत प्रमुख नीलम घरगे से मुलाकात की और इंद्रायणी के प्रदूषण को रोकने के लिए एक उपाय योजना बनाकर घटना पर ध्यान देने का आदेश दिया। नदी और प्रदूषित जगह से पानी के नमूने लेने को कहा गया है। इस अवसर पर देहू नगर पंचायत के इंजीनियर संघपाल गायकवाड़ व अन्य उपस्थित थे। जल प्रदूषण बढ़ गया है और नदी में पानी की कमी के कारण मछलियाँ अपनी जान गँवा रही हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की मछलियाँ शामिल हैं। लिविंग रिवर सोसायटी की शैलजा देशपांडे,श्री आलंदी धाम सेवा समिति के अध्यक्ष राहुल चव्हाण सहित विभिन्न पर्यावरण प्रेमी व्यक्ति संगठन ने देहु में इंद्रायणी नदी के तट पर जाकर निरीक्षण किया।
देहु में सीवेज का पानी बिना किसी प्रक्रिया के सीधे नदी में बहाया जा रहा है और प्रदूषित पानी के कारण विभिन्न प्रकार की मछलियाँ मर गई हैं। इसमें इस क्षेत्र की दुर्लभ महासीर मछली भी शामिल है। पानी में तैरती मरी हुई मछलियाँ,किनारे पर मरी हुई मछलियाँ,परीक्षण के लिए पानी के नमूने लिए गए। 27 मार्च को श्री संत तुकाराम बीज उत्सव है। इसी मौके पर यहां मरी हुई मछलियां पाई गई हैं और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए इंद्रायणी नदी से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने की मांग की गई है।
बीज समारोह में लाखों भक्त आ रहे हैं और उससे पहले इंद्रायणी प्रदुषण व प्रदुषित पानी की रोकथाम की मांग की गई है। श्रद्धालु तीर्थ के रूप में नदी का जल पीते हैं। देवमाशा जैसी दुर्लभ मछलियाँ भी नदी में देखी जाती हैं। मछलियों में गॉडफिश भी मर चुकी हैं। इंद्रायणी नदी में जलीय पौधे बढ़ गए हैं। बताया जा रहा है कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो गई है। कपूरवाड़ा धारा से सीवेज नदी में छोड़े जाने के कारण पानी प्रदूषित हो गया है। स्थानीय निवासी बता रहे हैं कि नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इससे मछलियां मर रही हैं। जलकुंभी बढ़ गई है। नदी प्रदूषण को खत्म करने के लिए प्रशासन को प्रभावी कार्य करने की जरूरत है।