Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे हवाई अड्डे का रनवे वर्तमान में आठ हजार 333 फीट (2.53 किमी) है। इसका विस्तार करीब 10 हजार फीट तक किया जाएगा। रनवे की लंबाई 1 हजार 667 फीट बढ़ाई जाएगी। इस पर करीब 160 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इससे पुणे के लोग सीधे अमेरिका, यूरोप पहुंच सकेंगे। साथ ही यह यात्रा निर्बाध होगी। इस कार्य के लिए वायुसेना के साथ-साथ निजी स्वामित्व वाली भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा।
पिछले कुछ दिनों से रनवे को बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। इससे पहले वायुसेना और पुणे मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी हुई। पिछले महीने उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने नये टर्मिनल का निरीक्षण किया था। उस समय कलेक्टर डॉ.सुहास दिवासे को जमीन अधिग्रहण के निर्देश दिये गये। इस पर करीब 160 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। राज्य सरकार 60 प्रतिशत, पुणे नगर पालिका 20 प्रतिशत, पिंपरी-चिंचवड़ नगर पालिका और पीएमआरडीए 10-10 प्रतिशत खर्च करेगी।
रनवे विस्तार का गणित
रनवे के विस्तार के लिए विश्रांतवाड़ी से विकफील्ड चौक होते हुए लोहगांव तक की सड़क पालिका द्वारा वायु सेना को सौंपी जाएगी। नागरिकों को लोहगांव तक पहुंचने के लिए विश्रांतवाड़ी में 509 चौक के पास वायु सेना स्थल से गैरीसन इंजीनियर की ओर से खदान के पास एक सड़क का निर्माण किया जाएगा।
इसलिए लोहगांव से विमाननगर जाते समय यात्रा की दूरी कुछ हद तक बढ़ जाएगी। लोहगांव से विश्रांतवाड़ी,येरवडा आने वाले और इस मार्ग से लोहगांव जाने वाले लोगों को वैकल्पिक सड़क प्रदान की जाएगी।
पुणे एयरपोर्ट रनवे
– वर्तमान रनवे की लंबाई: 8,333 फीट (2.53 किमी)
– विस्तार के बाद रनवे की लंबाई: 10,000 फीट (3.48 किमी)
– रनवे की ऊंचाई: 1,667 फीट (0.50 किमी)
– वर्तमान में पुणे हवाईअड्डा बोइंग 737, एयरबस ए319, ए-320, ए-321, डैश 8 और एम्बरर ईआरजे जैसे विमानों का संचालन करता है।
– इसकी यात्री क्षमता 180 है। साथ ही इन विमानों से बिना रुके लंबी दूरी की यात्रा भी संभव नहीं है।
– परिणामस्वरूप पुणे हवाई अड्डे पर अंतर्राष्ट्रीय सेवा सीमित है।
– हालांकि रनवे के विस्तार के बाद एयरबस-350, बोइंग-787 (ड्रीमलाइनर) जैसे बड़े विमानों का परिवहन किया जा सकेगा।
– इन विमानों की यात्री क्षमता 220 से 400 है।
इन विमानों के जरिए पुणेवासी सीधे अमेरिका, यूरोप पहुंच सकते हैं। साथ ही यह यात्रा निर्बाध होगी।
प्रशासन को रनवे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ हद तक निजी भूमि का भी अधिग्रहण करना पड़ता है। वह केंद्रीय वायु परिवहन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अनुरोध करने जा रहे हैं कि हवाई मंत्रालय रनवे का काम कराए और इसका खर्च उठाए।