Mumbai News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) शरद पवार को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। छह महीने से भी अधिक समय से शरद पवार और अजित गुट में चली आ रही तनातनी का मंगलवार को पटाक्षेप हो गया। आयोग ने अपने निर्णय में अजित गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बताया है। आयोग का कहना है कि इस मामले में करीब छह महीने में 10 से अधिक सुनवाई के बाद तमाम पहलुओं पर गौर करते हुए यह फैसला लिया गया है कि अजित गुट ही असली एनसीपी है। आयोग ने अपने निर्णय में यह भी कहा है कि अजित गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल करने का भी पूरा अधिकार है। यह दोनों अजित गुट को दिए जाते हैं। हालांकि, आयोग ने शरद पवार से कहा है कि वह अपनी नई पार्टी का गठन करने के लिए कोई भी तीन नाम आयोग को दे सकते हैं। इसके लिए आयोग ने शरद पवार गुट को बुधवार शाम 4 बजे तक का समय दिया है।
आयोग ने अपने फैसले में बताया कि एनसीपी किसकी हो, इसका निर्णय लेने से पहले तमाम मामलों पर बारीकी से गौर किया। इसमें पार्टी के तीन टेस्ट का परीक्षण भी किया गया। पार्टी के संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का टेस्ट, पार्टी के संविधान का टेस्ट और संगठनात्मक और विधायी दोनों के बहुमत के परीक्षण।
इधर शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की और कहा कि वह आयोग के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है, क्योंकि चुनाव आयोग ने विधायकों की संख्या के आधार पर अपना फैसला सुनाया है, मगर इसके पीछे ’अदृश्य शक्ति’ की मौजूदगी है।
सुप्रिया सुले ने कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं। इसने अन्यायपूर्वक पार्टी (एनसीपी) को उसके संस्थापक (शरद पवार) से छीन लिया है। हम न्याय पाने के लिए ईसीआई के फैसले को पूरी ताकत के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। महाराष्ट्र एनसीपी-एसपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग के फैसले को बुधवार को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी।