Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) अनुसूचित जाति-जनजाति और घुमंतू समुदायों के पीड़ितों को ध्यान में रखते हुए, अत्याचार को रोकने के लिए राज्य के हर पुलिस स्टेशन में विशेष सेल स्थापित किए जाने चाहिए और त्वरित न्याय के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट लागू किए जाने चाहिए, ऐसा केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की समिति बैठक में धर्मेंद्र सोनकार उर्फ बबलू सोनकर ने जोरदर ढंग से मांग की।
राज्य के हर थाने में एक विशेष सेल स्थापित करने के निर्देश
उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के लिए केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक पिछले दिनों दिल्ली में हुई थी। समिति ने अनुसूचित जाति-जनजाति और घुमंतू समुदाय के नागरिकों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और राज्य सरकार को निर्देश दिये। बैठक में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया, केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू समेत दोनों विभागों के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। महाराष्ट्र के प्रतिनिधि के तौर पर बबलू सोनकर ने चौंकाने वाली हकीकत से अवगत कराया। पुलिस पीड़ितों की शिकायतें दर्ज करने में आनाकानी करती है और जितनी शिकायतें दर्ज की जाती हैं, उनका समाधान अदालतों में किया जाता है। महाराष्ट्र में पिछले साल 15 हजार 93 मामले कोर्ट में दाखिल किए गए। उनमें से केवल 56 को ही न्याय मिला है। न्याय मिलने का प्रतिशत मात्र 11.5 प्रतिशत होने की बात सामने आने पर उपस्थित मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट को महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे देश में लागू किया जाये। सोनकर ने यह भी बताया कि अत्याचार को रोकने के लिए राज्य के हर थाने में एक विशेष सेल स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जाति-जनजाति तथा घुमंतू समुदाय के नागरिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं सेवा सुविधाओं पर भी चर्चा की गई।
…अन्यथा संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई
इस बैठक में पीड़ितों की ओर से समिति सदस्यों के पास आने वाली शिकायतों पर संबंधित तंत्र द्वारा संज्ञान लेकर तत्काल कार्रवाई नहीं करने पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया। महाराष्ट्र से केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में, उन्होंने राज्य की स्थिति को केंद्रीय मंत्रियों और समिति पदाधिकारियों के ध्यान में लाया। महाराष्ट्र में तस्वीर निराशाजनक होने पर समिति ने नाराजगी जताई है और राज्य सरकार को तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।