Pcmc News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे गुट को एक और बड़ा झटका लगा है। चिंचवड़ के राहुल कलाटे शिंदे की शिवसेना में शामिल होंगे। इन नेता के साथ-साथ शिवसेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शिवसेना में शामिल होंगे। उन्होंने कलाटे ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में काम करने की इच्छा जतायी है। राहुल कलाटे आज पिंपरी चिंचवड़ के चार पूर्व नगरसेवकों के साथ शिवसेना में शामिल होंगे।
उद्धव ठाकरे को झटके पर झटका
बगावत के एक साल बाद भी ठाकरे को झटके पर झटका लग रहा है। शिंदे की शिवसेना को छोड़कर अब राहुल कलाटे एकनाथ शिंदे गुट का दामन थामने वाले हैं। कुछ दिन पहले, शिवसेना नेता मनीषा कायंदे और नीलम गोरे शिंदे समूह में शामिल हो गईं थी। शिंदे गुट में जैसे ही मनीषा कायंदे की एंट्री हुई, एकनाथ शिंदे ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। इससे पहले आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल भी शिवसेना में शामिल हुए थे। राहुल कनाल ने भी शिंदे गुट में आते ही आदित्य ठाकरे पर भी निशाना साधा था।
कौन हैं राहुल कलाटे?
कलाटे परिवार 2001 से पहले कांग्रेस में था। साल 2002 में राहुल कलाटे एनसीपी के टिकट पर पिंपरी चिंचवड मनपा का चुनाव हार गए। 2014 विधानसभा में शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा, दूसरे नंबर पर वोट मिले। 2017 में पहली बार शिवसेना से नगरसेवक बने। नगर पालिका में शिवसेना के गुट नेता भी थे और शिवसेना शहर अध्यक्ष भी। 2019 विधानसभा गठबंधन के दौरान बगावत कर दी। एनसीपी, कांग्रेस और अनवंचित का समर्थन मिला। उन्होंने दिवंगत बीजेपी विधायक लक्ष्मण जगताप के खिलाफ चुनाव लड़ा था। दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव के दौरान त्रिकोणीय मुकाबला के उम्मीदवार साबितग हुए। हलांकि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले उपचुनाव में उनका वोट आधे से भी कम हो गया और कलाटे की जमानत जब्त हो गयी।
उपचुनाव में राहुल कलाटे की जमानत जब्त हो गई थी
उपचुनाव में अघाडी के संयुक्त उम्मीदवार नाना काटे को समर्थन देने के लिए उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने समझाने की कोशिश की। मगर राहुल कलाटे किसी की बात नहीं मानी और निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में पर्चा भरा और अपनी जमानत जब्त करा बैठे। चुनाव में भाजपा की अश्विनी जगताप भारी मतों से निर्वाचित हुई और दूसरे नंबर पर नाना काटे रहे। राहुल कलाटे तब से राजनीति में हाशिए पर चले गए थे। उनके लिए शिवसेना का दरवाजा बंद हो गया था। राकांपा में जा नहीं सकते। भाजपा में जगताप परिवार का वर्चस्व है। आखिरी में वे सरकार के साथ जाना पसंद किया। वे वह वेट एंड वॉच की भूमिका में थे। बीच में यह भी चर्चा थी कि वे शायद कांग्रेस का दामन थामेंगे। लेकिन अब उन्होंने अपने पत्ता खोल दिया है। शिंदे गुट शिवसेना में शामिल होने का निर्णय लिया है।