मीरगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज शहर के सब्जी मंडी में आयोजित श्रीशतचंडी महायज्ञ महायज्ञ के छठे दिन मंगलवार को मानस मर्मज्ञ नीलम शास्त्री ने प्रवचन में कहा कि भ्रातृत्व प्रेम किसी का है तो वह हैं भरत जी। वर्तमान समय में भरत चरित्र की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। जिस स्वार्थ के कारण आज भाई-भाई जहां दुश्मन जैसा व्यवहार करते हैं। वहीं भरत चरित्र में त्याग, संयम, धैर्य और ईश्वर प्रेम भरत चरित्र का दूसरा उदाहरण है।
भरत का विग्रह या स्वरूप श्री राम प्रेम मूर्ति के समान है। जिससे भाई के प्रति प्रेम की शिक्षा मिलती है। इस मनुष्य जीवन में भाई व ईश्वर के प्रति प्रेम नहीं है तो यह जीवन पशु समान होता है। भरत और राम से भाई व ईश्वर से प्रेम की सीख लेनी चाहिए। रामायण में भरत जी ही एक ऐसा पात्र है जिसमें स्वार्थ व परमार्थ दोनों को समान दर्जा दिया गया है। इस लिए भरत जी का चरित्र अनुकरणीय है। भरत जी का एक-एक प्रसंग धर्मसार है।
क्योंकि भरत का सिद्धांत लक्ष्य की प्राप्ति व राम प्रेम को दर्शाता है। राम राज्य दु:खदायी होने के बावजूद आज लोग राम राज्य की कामना करते हैं। कहा कि राम और हनुमान की भक्ति दोनों विषयों पर अद्भुत प्रेम दिखाता है।
यज्ञ को सफल बनाने में बच्चा बाबू, मुरारी लाल पोद्दार, पिंटू कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, मनोज केसरी, जितेंद्र केसरी, मनोज प्रसाद, टुन्ना पूरी, अजय पांडेय, मुन्ना पांडेय, विनोद कुमार सिंह, मोहन प्रसाद चौरसिया सहित कई कार्यकर्त्ता लगे हुए है।