Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मुंबई हाई कोर्ट ने पुणे इलाके में 2012 के जगली महाराज रोड बम ब्लास्ट मामले में आरोपी को जमानत दे दी है। आरोपी असलम शब्बीर शेख उर्फ बंटी जागीरदार को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। जागीरदार को 2013 में गिरफ्तार किया गया था।
उन्हें पहली बार 1 अक्टूबर, 2015 को उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी। लेकिन 2019 में जमानत शर्तों के उल्लंघन के आरोप में एटीएस के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने जागीरदार की जमानत रद्द कर दी थी। उसके बाद जागीरदार ने साल 2020 में फिर से जमानत के लिए अर्जी दी। लिहाजा अब उन्हें जमानत मिल गई है। महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते ने इस बम विस्फोट मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम मुनीब इकबाल मेमन, असद खान, इमरान खान, सैयद फिरोज, इरफान मुस्तफा लोंगे, फारूक बागवान, काशिफ बियाबानी और असलम शब्बीर शेख उर्फ बंटी जागीरदार थे। भारतीय दंड संहिता गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, मकोका विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वास्तव में क्या हुआ था?
1 अगस्त 2012 को पुणे के जंगली महाराज रोड पर पांच सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। विस्फोट में एक व्यक्ति घायल हो गया। ये बम डेक्कन इलाके में छह जगहों पर लगाए गए थे। पांच बम मिनटों में फट गए जबकि एक बम नहीं फटा। इन बमों को बनाने में आतंकियों की ओर से की गई गलती की वजह से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। लेकिन डेक्कन क्षेत्र में काफी आतंक का माहौल था। कई लोगों को पहले तो इन विस्फोटों की गंभीरता का एहसास नहीं हुआ, लेकिन कुछ ही मिनटों में पता चला कि एक के बाद एक पांच बम फटने से बड़ा हमला हुआ है। उसके बाद पुणे में पूरा सिस्टम काम करने लगा। एक बिना फटे बम को भी डिफ्यूज किया गया।
इन्हीं पांच जगहों पर बम रखे गए थे
ये बम डेक्कन इलाके में पांच जगहों पर रखे गए थे। पहला बम बालगंधर्व रंगमंदिर के पास रखा गया था। मैकडॉनल्ड्स कैफे, देना बैंक, गरवारे ब्रिज पर भी बम रखे गए थे। लेकिन बम बनाने में हुई गलतियों की वजह से पुणे में एक बड़ी जनहानि होने से बच गई।