मुंबई:- पुणे महानगरपालिका की सीमा में समाहित फुरसुंगी और उरुली देवाची ग्रामों को नई नगर पालिका बनाने का निर्णय आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिया. स्थानीय निकाय के माध्यम से यहां के कस्बों के नागरिकों को सभी सुविधा मुहिय्या की जाएगी तथा सभी समस्याएं हल की जाएगी. साथ ही नागरिकों के सहभाग से इस नगरपालिका के विकास का काम सर्वोत्कृष्ट सिद्ध होंगा, यह विश्वास भी मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने इस समय व्यक्त किया.
पुणे महानगरपालिका में नए से समाहित किए गए ग्रामों का संपत्ति कर और उन्हें दी जाने वाली मूलभूत सुविधा के संबंध में मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में आज उनके सरकारी निवास स्थान वर्षा पर एक बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में पूर्व राज्य मंत्री विजय शिवतारे, नगर विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भूषण गगरानी, पुणे महानगर निगम के आयुक्त विक्रम कुमार, पुणे के जिलाधीश राजेश देशमुख सहित दोनों ग्रामों के स्थानीय नागरिक उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि फुरसुंगी तथा उरुली देवाची के नागरिकों को चाहिए कि वे अपनी स्थानीय निकाय को राज्य में एक उत्कृष्ट नगर पालिका के रूप में प्रस्तुत करे. इसके लिए एक साथ मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया. साथ ही पुणे महानगर पालिका ने इन दोनों ग्रामों को नागरी सुविधा से संबंधित परियोजनाएं और योजना में सहयोग देने की अपेक्षा भी श्री शिंदे ने व्यक्त की. इसके लिए प्रशासन और नागरिकों को आपसी समझ -बुझ के साथ काम करने की अपील भी उन्होंने की.
इस निर्णय के लिए उपस्थित फुरसुंगी और उरुली देवाची के नागरिकों ने मुख्यमंत्री श्री शिंदे का आभार व्यक्त किया. साथ ही पुणे महानगरपालिका की और से कार्यान्वित किए जाने वाले अपशिष्ट प्रबंधन एवं अन्य नागरी परियोजना में सहयोग देने का आश्वासन भी दिया.
पुणे महानगरपालिका में वर्ष २०१७ में ११ ग्रामों का समावेश किया गया था. इनमें फुरसुंगी तथा उरुली देवाची गांव भी शामिल थे. इन दोनों ग्रामों की कुल जनसंख्या ढाई लाख है.