Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मावल के ढलेवाड़ी-महागांव के ग्रामीणों और छात्रों ने 1 से 20 संख्या वाले छात्रों के स्कूलों को बंद करने के फैसले के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। पुणे के मावल में ढलेवाड़ी-महागांव के ग्रामीणों और छात्रों ने ऐसे स्कूलों को बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। इसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने भाग लिया। अगर वाड़ी और झुग्गी-झोपड़ियों के दूरदराज के इलाकों में स्थित इन निम्न गुणवत्ता वाले स्कूलों को बंद कर दिया जाता है, तो गरीब, आदिवासी और वाडी मलिन बस्तियों के परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। उन सभी ने पवित्रता ली है ताकि उन्हें उचित शिक्षा मिले।
1 से 20 की संख्या वाले छात्रों के स्कूलों को बंद करने के फैसले से राज्य के कई शहरों में छात्र-छात्राओं के अभिभावक मैदान में उतर पडे है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले और स्कूल बंद न करने की मांग को लेकर अभिभावकों ने मार्च निकाला। स्कूलों के बंद होने से गरीब,वंचित और लड़कियों की शिक्षा प्रभावित होगी। कम नामांकन वाले अधिकांश स्कूल दूर-दराज के इलाकों में स्थित हैं जहां कोई परिवहन सुविधा नहीं है। इन स्कूलों के बंद होने की खबर जानने वाले आदिवासी छात्रों को स्कूल से वंचित होने का डर सता रहा है।
पुणे जिले के 1000 स्कूल बंद होने की संभावना
पुणे जिला परिषद ने 20 से कम छात्रों वाले लगभग 1,000 स्कूलों की पहचान की है। यदि स्कूल विलय के फैसले को लागू किया जाता है, तो पुणे जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र में 3,629 में से 1,000 से अधिक स्कूल बंद होने की संभावना है। राज्य के शिक्षा मंत्री ने हाल ही में अधिकारियों से 20 संख्या वाले छात्रों के स्कूलों की सूची तैयार करने को कहा था। यदि स्कूल विलय के फैसले को लागू किया जाता है, तो पुणे जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र में 3,629 में से 1,000 से अधिक स्कूल बंद होने की संभावना है।