Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन ने आक्रामक रूप ले लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुणे विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय में प्रवेश किया और विरोध किया। इस दौरान सुरक्षा गार्डों ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का गेट बंद कर दिया। हालांकि छात्रों ने प्रवेश द्वार पर जाकर विरोध किया।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर युवा क्रांति दल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर एबीवीपी ने उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ नारेबाजी की। विश्वविद्यालय में पूर्णकालिक कुलपति। एबीवीपी का आरोप है कि कोई कुलपति, रजिस्ट्रार नहीं है और विश्वविद्यालय के मामलों पर किसी का नियंत्रण नहीं है और छात्रों को परेशानी हो रही है। इस समय एबीवीपी विश्वविद्यालय प्रशासन को वेंटिलेटर पर दिखाने के लिए एम्बुलेंस लेकर छात्र आए थे।
पुणे विश्वविद्यालय प्रशासन की कुप्रबंधन के कारण छात्र पिछले कुछ महीनों से परेशान हैं। छात्र संगठनों ने कहा कि परीक्षा विभाग के अराजक प्रशासन ने छात्रों को कड़ी टक्कर दी है। विवि की ओर से जारी रिजल्ट में कई छात्रों को गलत अंक दिए गए हैं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ को शून्य अंक दिए गए। एबीवीपी ने परीक्षा विभाग के कुप्रबंधन के लिए मुआवजे के तौर पर परीक्षा शुल्क माफ करने की मांग की है।
छात्र संगठनों ने दावा किया है कि पुणे विश्वविद्यालय में अभी भी पूर्णकालिक कुलपति और अन्य मुख्य प्रशासनिक अधिकारी नहीं हैं। आरोप यह भी है कि जब छात्रों को परेशानी होती है तो प्रभारी कुलपति और अन्य अधिकारी दौरे पर होते हैं। छात्रों के विरोध पर प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय पर धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया था। उसके बाद भी कार्यकर्ताओं ने कार्यालय परिसर में धावा बोल दिया, प्रवेश द्वार से कूदकर सुरक्षा गार्डों पर पथराव किया।
इस बीच कुछ दिन पहले ही पुणे विश्वविद्यालय में 24 घंटे बिजली काट दी गई। इससे छात्रों को भारी मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी। यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते समय अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग फीस ली जाती है। इसमें कई छात्रावास, पुस्तकालय शामिल हैं। प्रवेश के समय छात्रों को आश्वासन दिया जाता है कि बिजली से सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। हालांकि छात्रों का आरोप है कि जब वे यूनिवर्सिटी आए तो वहां का नजारा कुछ और ही देखने को मिला।