Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों से अपील की कि वे प्रौद्योगिकी का अध्ययन करते हुए राष्ट्रीय विकास,मानवता और वैकल्पिक रूप से सार्वभौमिक कल्याण के मंत्र को बनाए रखें।
इंजीनियर दिवस के अवसर पर सीओईपी एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा आयोजित ’सीओईपी अभिमन पुरस्कार’ वितरण समारोह में राज्यपाल श्री. कोश्यारी बोल रहे थे। राज्य तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ. अभय वाघ, सीओईपी शासी निकाय के अध्यक्ष प्रतापराव पवार,सीओईपी निदेशक प्रो.डॉ.मुकुल सुतावने,पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष भारत गीते,मानद सचिव प्रो.एसएस विदेशी भी मौजूद थे।
सीओईपी के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा,विश्व प्रसिद्ध इंजीनियर भारत रत्न एम.विश्वेश्वरैया के साथ हमारे क्षेत्र की शीर्ष हस्तियां हुईं। उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए जो काम किया है उसे छात्रों के सामने रखा जाना चाहिए। जैसे-जैसे हम किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं, हमें उसी के माध्यम से देश के लिए काम करना चाहिए। आज जब हम देश की आजादी के अमृत का उत्सव मना रहे हैं तो पूरी दुनिया उम्मीद की नजर से भारत की ओर देख रही है।
महामहिम कोश्यारी ने आगे कहा कि चूंकि वर्तमान युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बौद्धिक संपदा और साइबर है, इसलिए छात्रों को इन क्षेत्रों में काम करना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास के लिए कई प्रावधान हैं। अंतःविषय अध्ययन डिजाइन के कारण, छात्र एक क्षेत्र में अध्ययन करते समय अपनी रुचि के अनुसार एक अलग क्षेत्र में अध्ययन करने के लिए स्विच कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र इन प्रावधानों का लाभ उठाएं। राज्यपाल ने सामाजिक जिम्मेदारी को बनाए रखते हुए संस्थान के लिए और छात्रों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की भूमिका निभाने के लिए सीओईपी के पूर्व छात्र संघ की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि पूर्व छात्र भविष्य में संस्थान के विकास में योगदान देंगे।
प्रतापराव पवार ने कहा, इस संस्था का एक लंबा इतिहास है और यहां के छात्र पढ़ाई के दौरान ज्ञान का सृजन करते हैं। जैसे ही कॉलेज एक विश्वविद्यालय में तब्दील हो जाएगा, यह एक ज्ञान पैदा करने वाला विश्वविद्यालय बन जाएगा। हमें देश में नहीं बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय से प्रतिस्पर्धा करनी है। संस्थान को सरकार से भी काफी सहयोग मिल रहा है और नए परिसर के लिए 150 करोड़ रुपये और 30 एकड़ जमीन का फंड दिया है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अध्ययन डिजाइन के माध्यम से भविष्य बनाने की भी अपील की।
भारत गीते ने परिचय में कार्यक्रम की जानकारी दी। पूर्व छात्र संस्थान के विकास के साथ-साथ अध्ययनरत छात्रों के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता जमा करते हैं। उन्होंने कहा कि 150 छात्रों को उनकी शिक्षा के लिए 1 करोड़ 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। इससे पहले कार्यक्रम के लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल के अभिवादन संदेश का वीडियो टेप दिखाया गया। गौर गोपाल दास ने भी चिंता व्यक्त की।
कार्यक्रम में इंटरनेशनल लाइफ साइंस इंस्ट्रक्टर गौर गोपाल दास, राज पथ इंफ्राकॉन प्रा.लिमिटेड जगदीश कदम,संस्थापक अध्यक्ष और निदेशक,सतीश खंडारे,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक,केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख,विनायक पाई,टाटा प्रोजेक्ट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी,विलास तावड़े,एस्सार ऑयल एंड गैस के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी,सम्मानित किए गए।
इस अवसर पर, सीओईपी एलुमनी एसोसिएशन के स्मृति चिन्ह जारी किए गए, साथ ही संस्थान के इतिहास और घटनाओं पर आधारित एक फिल्म का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में पूर्व छात्र,प्राध्यापक,विभिन्न संकायों के प्रमुख,छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।