Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा चुनाव घोषणा से पहले शहर में मिशन लोटस की गतिविधियों तेज हो गई है। भाजपा वालों ने मनपा में दोबारा सत्ता पाने के लिए बूथ,पन्ना प्रमुख,एक बूथ 30 युथ के मिशन में जुटी हुई है। भाजपा अपने स्थानीय नेताओं,कार्यकर्ताओं का 100 नगरसेवक निर्वाचित करने का लक्ष्य दिया है तो दूसरी ओर राकांपा के किले में सेंध लगाने की गुप्त योजना के तहत कार्य कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के 12 स्थानीय नेता भाजपा के संपर्क में
पिंपरी चिंचवड शहर राष्ट्रवादी कांग्रेस के 12 स्थानीय नेता भाजपा के संपर्क में है। चुनाव का बिगुल बजते ही ये लोग भाजपा का दामन थाम सकते है। पूर्व सत्तारुढ नेता नामदेव ढाके की माने तो राकांपा के 12 नेता किसी भी वक्त भाजपा में प्रवेश कर सकते है। ये वो नेता है जो तीन-चार बार लगातार नगरसेवक का चुनाव जीतते आ रहे हैं। साथ ही ये अपने प्रभाग में पैनल प्रमुख हैं। अगर राकांपा में टूटन होती है तो करीब 12 गुणा 4= 48 नगरसेवक का भारी नुकसान राकांपा को हो सकता है,ये 12 नेता अपने दम पर कई चुनाव जीतते आ रहे है। अपने प्रभाग में इनक कद बढ़ा है।
चिंचवड विधानसभा क्षेत्र से राकांपा में ज्यादा टूटन
राज्य में सरकार बदल चुकी है। राष्ट्रवादी कांग्र्रेस में तोड़फोड़ और भगदड़ कैसे मचे,इसके तहत मिशन लोटस काम कर रहा है। चिंचवड विधानसभा क्षेत्र से सबसे ज्यादा राकांपा के पूर्व वरिष्ठ नगरसेवक भाजपा के संपर्क में है। भोसरी विधानसभा से कुछ लोग पाला बदलने की फिराक में है। पिंपरी से कुछ राकांपा नेता भाजपा में प्रवेश कर सकते है। अजित पवार ने शहर अध्यक्ष बदलकर अजित गव्हाणे को कमान सौंपी। कार्यकर्ताओं को लगा कि नई उर्जा के साथ राष्ट्रवादी मजबुत होगी। लेकिन अजित गव्हाणे ने कुछ खास चमत्कार नहीं कर सके। पुणे राकांपा शहर अध्यक्ष जगताप के नेतृत्व में जिस तरह एक के बाद एक धरना,प्रदर्शन,आंदोलन देखने को मिल रहा है,वैसे कार्यक्रम पिंपरी चिंचवड शहर में दिखाई नहीं देते। भाजपा के पास राज्य में सत्ता के साथ साथ सरकारी मशीनरी,धनबल की ताकत है।
शहर राकांपा में कद्दावर नेताओं की कमी
राष्ट्रवादी कांग्र्रेस में करो या मरो वाली स्थिति है। अगर आज चुनाव हो जाए तो भाजपा अपने जादुई आंकड़े 100 को पार कर लेगी। भाजपा में विधायक महेश लांडगे,विधायक लक्ष्मण जगताप जैसे कद्दावर नेता है। जबकि राकांपा में दोनों विधायकों के मुकाबले कोई उनके लेवल तक का नेता नहीं। अजित गव्हाणे जूनियर पंक्ती वाले नेता है। विलास लांडे कद्ावर वाले नेता है लेकिन सक्रिय नहीं। कभी कभी गुलरी के फूल की तरह नजर आ जाते है। आजमभाई पानसरे अपने स्वास्थ्य की वजह से राजनीति में सक्रिय नहीं है। राकांपा का एकलौता विधायक अण्णा बनसोडे की भूमिका न राम में न रहिम वाली है। क्योंकि उनको विधायक बनाने में भाजपा के कुछ छोटे बडे नेताओं,पूर्व नगरसेवकों ने अहम भूमिका निभाई थी। हम कह सकते हैं कि पिंपरी विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रवादी से ज्यादा चमत्कार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इसका अर्थ यह है कि पालिका चुनाव की जमींन भाजपा के लिए पोषाक,उर्वरित है।