मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: फर्जी पैथोलॉजी लैब, क्लिनिक व अल्ट्रासॉउन्ड सेंटरों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा बढ़ता जा रहा है। ऐसे दर्जन भर लैब को चिह्नित किया गया है जो फर्जी है । इसमें क्लिनिक व अस्पताल भी शामिल है। कई संचालक जरूरी कागजात टीम को मुहैया कराया है जबकि कई अब भी नदारद है। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम अभी उन संचालकों से कागजात मांगे है|
मंगलवार तक अगर कागजात नहीं जमा किए गए तो कार्रवाई निश्चित है| ऐसे छह लैब को टीम ने चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है।इसमें मीरगंज शहर के हथुआ मोड़ के अधिकांश लैब शामिल है| दरअसल, स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली थी कि मीरगंज शहर में बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी तौर पर गुप्त रूप से कई मकानों में पैथोलॉजी लैब संचालित किया जा रहा है। उसी के आधार पर टीम गठित कर जांच की गई। ऐसे पैथोलॉजी लैब जिस पर जांच की गई उसमें आर के डायग्नोस्टिक लैब,आकृति जांच घर, रौशनी जांच घर सहित कुल 13 शामिल है|
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चार सदस्यीय जांच टीम ने की थी छापेमारी :
मीरगंज शहर में सीएस के निर्देश पर चार सदस्यीय टीम गठित की गई है जो लगातार छापेमारी कर रही है| टीम में डॉ. ओपी लाल, स्वास्थ्य प्रबंधक मनोज कुमार, अंकुर पांडेय, सौरभ कुमार शामिल है।
टीम ने जांच के दौरान पैथोलॉजी लैब कार्यरत चिकित्सक का प्रमाण पत्र, लैब टैक्निशियन का प्रमाण पत्र, डिग्री, लाइसेंसआदि कागजातों की जांच किया। इसके साथ ही ऐसे मकान जिसमें फर्जी जांच लैब का संचालन किया जा रहा है उस पर एफआईआर करने का निर्देश दिया गया है। अब एक बार फिर से ऐसे लैब, अस्पताल, क्लिनिक व अल्ट्रासॉउन्ड सेंटरों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
अब मकान मालिक को सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे मकान मालिक जो बिना किसी जांच के बाद ऐसे लैब को मकान भाड़े पर देते हैं वे भी कार्रवाई की जद में आ जाएंगे। मकान मालिक को अब सावधानी बरतनी होगी नहीं तो वे भी कार्रवाई की जद में आ जाएंगे।
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हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन मीरगंज में कराते है इलाज :
मीरगंज शहर की आबादी करीब 65 हजार के आसपास की है जहां सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के लिए एक एडिशलन पीएचसी की स्थापना की गई है लेकिन बेहतर इलाज के नाम पर कुकुरमुत्ते की तरह निजी क्लिनिक,अस्पताल, लैब व अल्ट्रासॉउन्ड खुले है जहां मरीजों का जमकर शोषण किया जाता है| अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर पर खुलेआम लिंग की जांच की जाती है तो अस्पताल में नार्मल डिलवेरी के जगह ऑपरेशन कर प्रसव कराया जाता है|
इसके लिए मोटी रकम मरीजों से ली जाती है| बिना डिग्री के डॉक्टर बन कर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है| मीरगंज शहर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग इलाज के लिए आते है| इसमें कई लोग इन फर्जी डॉक्टरों के जाल में फंस जाते है|
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अल शिफा अस्पताल पर होगी कार्रवाई :
मीरगंज शहर के थाना रोड में स्थित अल शिफा अस्पताल पर एफआईआर होगी| जांच में यहां पर काफी गड़बड़ी पायी गई| अस्पताल का रजिस्ट्रेशन, वैध कागजात, लैब में गड़बड़ी सहित कई शिकायते मिली है| मरीजों ने भी बताया कि ऑपरेशन के नाम पर तय राशि से अधिक रुपए की उगाही की जाती है| इन सभी शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर है| अस्पताल प्रबंधक पर एफआईआर करने की तैयारी है|
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जांच के दौरान कई अस्पताल,लैब, अल्ट्रासॉउन्ड सेंटरों पर गड़बड़ी मिली है| डिग्री की मांग की गई है जिसको कुछ लोगों ने दिया है| निर्धारित समय के बाद कार्रवाई की जाएगी|
डॉ ओपी लाल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उचकागांव सीएचसी