Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) फॉर्च्यून स्पर्श हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड को बिना किसी जांच पडताल के राशि का भुगतान कर दिया गया। जांच रिपोर्ट से यह मामला साफ हो गया है। मुंबई उच्च न्यायालय ने पिंपरी-चिंचवड़ आयुक्त को 25 अप्रैल तक एक हलफनामा(प्रतिज्ञापत्र) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है कि किस तरह से स्पर्श हेल्थ केयर को भुगतान की गई राशि की वसूली की जाएगी और राशि का भुगतान करने वाले अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
पिंपरी-चिंचवड मनपा ने फॉर्च्यून स्पर्श हेल्थ केयर प्रायवेट लिमिटेड को नियुक्त किया है। हालांकि इस स्थान पर कोई चिकित्सा-भौतिक सुविधा स्थापित किए बिना और किसी रोगी का इलाज किए बिना,स्पर्श हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड को एक निश्चित राशि का भुगतान किया गया था। इसके लिए स्थायी समिति की मंजूरी नहीं ली गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील विश्वनाथ कांबले ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका पर 4 अप्रैल को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मकरंद कार्णिक की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई थी। सुनील कांबले की ओर से एड. विश्वनाथ पाटिल और एड. केवल अह्या ने पैरवी की। हालांकि राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने कहा कि स्पर्श हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड को भुगतान की गई राशि के रूप में अदालत का फैसला अंतिम होगा। सुनवाई के दौरान विभागीय आयुक्त की ओर से सौंपी गई जांच रिपोर्ट को हाईकोर्ट में पढ़कर सुनाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पर्श हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित कोविड सेंटर में मरीजों के इलाज के संबंध में कोई जानकारी दर्ज नहीं है। बिना उपचार के बिल अदायगी की गई। बिना जांच पडताल के जल्दबाजी में राशि का भुगतान किया गया।
हाईकोर्ट ने पिंपरी-चिंचवड़ मनपा को निर्देश दिया है कि वह इस बारे में एक हलफनामा पेश करें कि वह किस तरह से राशि की वसूली करेगा और 25 अप्रैल तक राशि का भुगतान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। अगली सुनवाई 25 अप्रैल को निर्धारित की गई है।