मीरगंज ।व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मीरगंज सेवा केंद्र पर शुक्रवार को राजयोगिनी दादी हृदयमोहनी जी की प्रथम पुण्यतिथि मनायी गई| दादी जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया| अनुमंडल निर्वाचन पदाधिकारी हथुआ शशि प्रकाश राय सेवा केंद्र इंचार्ज राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुनिता बहन ,उर्मिला बहन ,रवि केशरी आदि ने योग साधना केंद्र का उदघाटन किया|
सेवा केंद्र प्रभारी सुनीता बहन ने बताया कि इस धरा पर ईश्वरीय ज्ञान को सर्व मनुष्य आत्माओं तक पहुंचाने के निमित्त साकार माध्यम दादी हृदयमोहिनी जी एक अलौकिक दिव्य शक्ति संपन्न ,बाल ब्रह्माचारिणी और तपस्विनी थी| वह 9 वर्ष की अल्पायु में शोभा नाम की कन्या ने हैदराबाद सिंध में अपनी माता जी के साथ ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त किया| प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के साकार संस्थापक ब्रह्मा बाबा के सानिध्य में अपने आध्यात्मिक जीवन को प्रारंभ किया।
पिता श्री ब्रह्मा बाबा के अलौकिक जीवन से प्रेरित होकर आपने अपना सम्पूर्ण जीवन विश्व परिवर्तन के कार्य के लिए समर्पित कर दिया| तब से वह हृदयमोहिनी जी के नाम से जानी गई| उन्होंने कहा कि सबसे कम उम्र की परंतु बाल्यकाल से दिव्यता, सरलता ,सत्यता ,पवित्रता और शांति साक्षात्कारमूर्त थी । दादी जी ने परमात्मा शक्तियों को प्रत्यक्ष धारण करके अज्ञानता में भटकती आत्माओं के जीवन की दिशा और दशा का सत्य मार्गदर्शन किया। लाखों भाई बहनों को आत्मानुभूति परमात्मानुभूति कराने में निमित्त दादी जी ने लगभग 53 वर्षों तक निरंतर ईश्वरीय संदेशवाहक बन करके इस महारूद्र ज्ञान यज्ञ की पालना की।
11 मार्च 2021 को अपनी पार्थिव देह त्याग कर ईश्वरीय गोद में समा गयी।कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी सुनीता बहन, उर्मिला बहन ,विनोद भाई ,मालती माता, सीमा माता,पुनम माता,कौशल्या माता ,बेबी बहन ,मालती माता,तारा माता ,कुमकुम माता,बूचन माता,शामपति माता आदि थे|