Pcmc पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना कहर से पुणे जिले के एतिहासिक देहू और आलंदी मंदिर में 14 जनवरी मकरसंक्राति के दिन भगवान एक दिन के लिए फिर कैद होने जा रहे है। बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए जिला प्रशासन ने कोरोना के नियम कड़े कर दिए हैं और सख्त पाबंदियां भी लगा दी हैं। ओमिक्रॉन और कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हाल ही में जिले के पर्यटन स्थलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। उसके बाद मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर प्रशासन ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आलंदी स्थित संत ज्ञानेश्वर संजीवन समाधि मंदिर भी दो दिन के लिए बंद रहेगा। मकर संक्रांति की 14 तारीख को राज्य भर से श्रद्धालु आलंदी स्थित संत ज्ञानेश्वर के मंदिर में आते हैं। आशंका जताई जा रही है कि यह भीड़ कोरोना के प्रसार को बढ़ा सकती है। इसलिए एहतियात के तौर पर मंदिर 13 जनवरी की रात 8 बजे से 15 जनवरी की सुबह 6 बजे तक बंद रहेगा। आलंदी देवस्थान ने सर्कुलर जारी कर इसकी घोषणा की है। इसी तरह देहू में जगद्गुरु संततुकाराम महाराज की मंदिर को भी दोन दिनों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया।
महिलाओं की भीड़ को रोकने की योजना मकर संक्रांति के दिन पुणे जिले और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से महिलाएं विट्ठल रुक्मिणी और जगतगुरु संत तुकाराम महाराज को नमन करने के लिए देहू पहुंचती हैं। लेकिन पिछले दो साल से कोरोना पाबंदियों के चलते सभी मंदिर बंद हैं। इसलिए धार्मिक हिन्दू त्योहार बड़े पैमाने पर नहीं मनाया जा सका। इस साल कोरोना की दूसरी लहर कम होने और मंदिरों के दर्शन के लिए खुलने से बड़ी संख्या में महिलाओं के दर्शन के लिए आने की उम्मीद है। यह कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ाता है
कोरोना की दूसरी लहर के बाद नागरिकों को गंभीरता से लेने की जरूरत है,जब सार्वजनिक जीवन अपनी पूर्व स्थिति में लौट रहा है,ओमिक्रॉन के नए वायरस ने फिर तांडव मचा रखा है। मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इन वायरसों का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि यदि सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ पर अंकुश नहीं लगाया गया तो निकट भविष्य में मरीजों की भारी कमी हो सकती है। इसलिए प्रशासन ने यह फैसला नगर क्षेत्र में भीड़ को देखते हुए लिया है।