दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज : आज शनिवार सुबह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आटोमेटेड इमरजेंसी लैब का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह एम्स में दो-तीन बार आम मरीज बनकर इलाज की सुविधाओं का निरीक्षण कर चुके हैं।
अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड व बाउंसर देखकर वह बहुत नाराज होता हूं और सोचता हूं कि अस्पताल में गार्ड की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि मरीज अस्पताल में मारपीट करने नहीं आते, इसलिए इलाज की व्यवस्था में सुधार करना होगा।
उन्होंने एम्स से इलाज में वेटिंग की समस्या को भी दूर करने की भी बात कही। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया एम्स के 66वें स्थापना दिवस पर पहुंचे थे और इस दौरान एम्स के डायरेक्टर डा. रणदीप गुलेरिया भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया पिछले दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल गए तो बेंच पर बैठने के दौरान एक गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया था।
यह घटना तब घटी चब वह एक आम नागरिक बनकर सफदरगंज अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। मनसुख मांडविया के मुताबिक, सफदरजंग अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान उन्हें अस्पताल में अव्यवस्था भी देखने को मिली।
उन्होंने पाया कि अस्पताल में करीब 75 साल की एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे के लिए स्ट्रेचर की जरूरत थी। लेकिन महिला को स्ट्रेचर दिलाने व स्ट्रेचर ले जाने में सुरक्षा गार्डों ने कोई मदद नहीं की।
आपको बताते चले की इस दौरान मनसुख मांडविया ने बेंच पर बैठने की कोशिश की तो वहां मौजूद गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया। इसकी चर्चा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पीएम मोदी से भी की ती।
तब पीएम मोदी ने पूछा था कि क्या उन्होंने गार्ड को निलंबित कर दिया? जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नहीं, क्योंकि वह सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं।