मीरगंज । व्हीएसआरएस संवाददाता: मीरगंज शहर के वार्ड संख्या नौ लक्ष्मी नगर से एक नाबालिग बच्ची के अपहरण हो जाने के दस दिनों बाद भी पुलिस ने एफआई आर दर्ज नहीं की है| एफआईआर दर्ज नहीं होने से अगवा किशोरी की विधवा मां उमा देवी थाने का चक्कर लगा रही है| अपहरण जैसे गंभीर मामले को लेकर पुलिस का लापरवाह बने रहना सवाल पैदा करता है।
बताया जाता है कि मूलत:थावे थाने के लक्षवार गांव की रहने वाली स्व- सुभाष सिंह की पत्नी उमा देवी उर्फ सुनीता बच्चों को पढ़ाने के लिए मीरगंज शहर के लक्ष्मी नगर में किराए के मकान में रहती है।
पिछले 12 अगस्त को उसकी नाबालिक पुत्री को मोहल्ले में रहने वाली रेशमी देवी बाजार जाने के बहाने बुलाकर ले गई| उसके बाद से वह लापता है। पीड़ित विधवा मां ने बताया कि पहले उसने अपनी बच्ची को जाने से मना कर दिया|
लेकिन बार-बार जिद करने के बाद उसने उसके साथ भेज दिया। थाने में दिए गए आवेदन में पीड़िता की मां ने बताया है कि जब वह अपने बच्चे के साथ दरवाजे तक आई तो बाहर वार्ड नंबर 9 का लड़का संजय साह और उसका साथी नानक राम बाइक लेकर खड़ा था और उसकी बच्ची को बैठा कर लेकर फरार हो गया।
इसके बाद घबराई पीड़िता मीरगंज थाने में जाकर थानाध्यक्ष को आवेदन देकर अपनी बेटी की बरामदगी को लेकर गुहार लगाई| लेकिन आज तक इस मामले में प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो सकी है। वहीं घटना के बाद पीड़िता का रो -रोकर बुरा हाल है| घटना से परिवार सदमे में है। वही, पुलिस द्वारा की जा रही लापरवाही से पीड़ित विधवा मां काफी आक्रोशित है
विधवा मां ने लगाया पुलिस पर गंभीर आरोप: पीड़ित विधवा उमा देवी ने बताया कि बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराने जब वह मीरगंज थाने में पहुंची तो थानाध्यक्ष छोटन कुमार ने अपने कक्ष में बुला कर रुपए की मांग की| उसके बाद पीड़ित ने थानाध्यक्ष को पांच हजार रुपए बतौर रिश्वत में दी|
आश्चर्य जनक बात तो यह कि पीड़िता के द्वारा रिश्वत देने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है| पीड़िता ने बताया कि जब वह थाने पर जा रही है तो उसे भगा दिया जा रहा है| इधर, थानाध्यक्ष छोटन कुमार बताया कि इस सबंध में मुझे कोई आवेदन नहीं मिला है|