Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा के इतिहास में पहली बार स्थायी समिति कार्यालय पर आज शाम 4.30 बजे छापा पडा। स्थायी समिति सभापति नितीन लांडगे के स्वीय सहायक ज्ञानेश्वर पिंगले एक ठेकेदार से रिश्वत लेते रंगेहाथ पकडा गया। स्थायी समिति सभापति लांडगे समेत स्टाफ के 4 लोगों को एसीबी की टीम हिरासत में ली है।
आज स्थायी समिति की साप्ताहिक बैठक थी। बैठक के बाद ठेकेदार ने स्वीय सहायक पिंगले को मनपा भवन के नीचे रिश्वत की रकम देने के लिए बुलाया। ठेकेदार एसीबी को पहले से सूचित कर दिया था। एसीबी की टीम साधे ड्रेस में जाल बिछाकर मौजूद थी। जैसे ही रिश्वत का पैसा लिया टीम ने रंगेहाथ पकड ली। नीचे से तीसरे मंजले में स्थायी समिति कार्यालय में ले गई जहां सभापति लांडगे मौजूद थे। एसीबी का छापा की भनक लगते ही वो महापौर कार्यालय की ओर दौडे। लेकिन एसीबी की टीम वहां से उनको पकड कर उनके कार्यालय में ले आयी और पांच घंटे तक बंद कमरे में पूछताछ,कानूनी प्रक्रिया जारी रखा। इसी बीच पिंपरी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक मिलिंद वाघमारे अपनी पुलिस फोर्स के साथ दाखिल हुए। एसीबी और पुलिस टीम ने सभापति लांडगे,स्वीय सहायक पिंगले,क्लर्क,समेत चार लोगों को हिरासत में लेकर पिंपरी थाने ले गई।
आपको बताते चलें कि एंटी करप्शन ब्यूरो को खबर देने वाला पंजाबी ठेकेदार फ्लैक्स होर्डिंग्स का बिजनेस करता है। कल मंगलवार को शाम 5 बजे सभापति लांडगे से मुलाकात करके आज की मीटिंग में उसका एक ठेके से संबंधित विषय को मंजूर करने और बदले में कमिशन देने की बात किया था। सभापति ने कहा कि यह सब वो नहीं देखते उनके स्वीय सहायक पिंगले से जाकर मिलो। ठेकेदार ने पिंगले से मुलाकात की और रिश्वत की रकम निर्धारित हुई। आज रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथ पकडा गया।
आपको यह भी बताते चलें कि स्थायी समिति सभापति भोसरी के भाजपा विधायक महेश लांडगे के समर्थक हैं। विधायक के सिफारिश पर सभापति पद मिला था। साथ ही वे हवेली के प्रथम विधायक के पुत्र हैं। शहर राकांपा अध्यक्ष संजोग वाघेरे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह एक शर्मशार कर देने वाली घटना है। भाजपा की पालिका में सत्ता है। ना खाउंगा ना खाने दूंगा,पारदर्शी कारभार के नारों के साथ भाजपा सत्ता में आयी। उनके पदाधिकारी रिश्वत लेते पकडे गए। घटना का निषेध करते हैं। सत्तारुढ नेता नामदेव ढाके ने कहा कि घटना बडी है। अगर रिश्वत कांड में जो भी कोई दोषी हो उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा ऐसे गलत काम के लिए समर्थन नहीं करती। रिश्वत कांड में दोषी लोगों का यह व्यक्तिगत मामला है। सामाजिक कार्यकता मारुति भापकर ने कहा कि इस सारे प्रकरण की जांच सीआयडी से होनी चाहिए। एक भी आरोपी बचना नहीं चाहिए। सारे लोगों को येरवडा जेल में भेजना ही चाहिए। जनता की गाढी कमाई का पैसा लूटने वालों पर कार्रवाई कडी होनी चाहिए। भाजपा के पारदर्शी कारभार, ना खांउंग ना खाने दूंगा की पोल खुल गई है। जब से पालिका में भाजपा सत्ता में आयी रिश्वत की आंधी चल रही है। पहले राकांपा कार्यकाल में कमिश्न चलता था अब भाजपा राज में कमिश्न नहीं 50 प्रतिशत का ठेके में पार्टनशीप की परंपरा चल पडी है। स्थायी समिति सदस्यों समेत सभी की जांच होनी चाहिए कौन कितना मलाई खाया यह बात जनता के सामने आना जरुरी है।