Pimpri पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर में सड़कों को यांत्रिक तरीके से साफ करने के 464 करोड़ रुपये के विवादास्पद प्रस्ताव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एक बार फिर आमने-सामने हैं। राकांपा का आरोप है कि भाजपा विधायकों का वित्त,वर्चस्व रखने के चक्कर में शहर की साफसफाई की ओर अनदेखी कर रही है। भाजपा पलटवार करते हुए कहा कि एनसीपी के पदाधिकारी ठेकेदार हैं उनके कार्यकाल में सफाई की समस्या थी। हालांकि भाजपा और राकांपा नेताओं और कई अन्य लोगों के हितों के चलते 29 जुलाई की बैठक में प्रस्ताव को फिर से मंजूरी के लिए रखा गया था। कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि कोई पारस्परिक रूप से सहमत समझौता नहीं हुआ था। बिना किसी निर्णय के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
फैसला एक महीने के लिए टाले जाने के बाद बीजेपी-एनसीपी आमने-सामने हो गई है। इस संबंध में एनसीपी के शहर अध्यक्ष संजोग वाघेरे ने बयान जारी किया है। एनसीपी ने स्वच्छता के मामले में शहर को रेटिंग दी है। हालांकि वाघेरे ने आरोप लगाया है कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण नगर पालिका की गरिमा,स्तर गिर गया और शहर की सफाई बाधित हुई। भाजपा नेताओं के आधिपत्य और आर्थिक विवादों के चलते अब तक सड़क की सफाई का टेंडर अटका हुआ है।
आर्थिक कमाई के चक्कर में बीजेपी नेताओं ने शहर को दो हिस्सों में बांट दिया। प्रशासन पर दबाव बनाने व टेंडर प्रक्रिया में दखल देने के बावजूद टेंडर नहीं निकला। एनसीपी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शहरवासियों की आंखों में धूल झोंक रही है। राकांपा के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा नेता नामदेव ढाके ने कहा कि केवल राकांपा के पदाधिकारी ही ठेकेदार हैं और वे निविदा प्रक्रिया में बहुत रुचि रखते हैं। इसलिए उन्हें भाजपा पर आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। नगर पालिका की सत्ता संभालने के बाद से भाजपा सफाई के मुद्दे पर फोकस कर रही है। यही कारण है कि शहर स्वच्छ शहर,सुंदर की ओर बढ़ रहा है। स्वच्छता के लिए सबसे बड़ा रोना राकांपा के शासनकाल में था। ठेकेदार सिर्फ वर्क सीन कर रहा था। मौजूदा स्थिति में सुधार हुआ है। अब शहर की सफाई का काम इंदौर की तर्ज पर होगा।