दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत को अपना इस्तीफा सौंप दिया है| लंबे समय से चल रहे कर्नाटक के नाटक पर विराम लगाते हुए बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि आज ही येदियुरप्पा की सरकार बने दो साल पूरे हुए हैं।
इस दौरान वह रो पड़े और कहा कि उन्होंने हमेशा अग्निपरीक्षा दी है। सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर येदियुरप्पा विधानसभा में भाषण दे रहे थे। येदियुरप्पा ने इस दौरान कहा कि उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इसके बाद वह राज्यपाल के आवास पहुंचे औैर इस्तीफा दे दिया। गवर्नर से मुलाकात के बाद निकले येदियुरप्पा ने कहा कि मेरा इस्तीफा स्वीकार हो गया है।
बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इन दो सालों में मुझे राज्य के लिए बहुत ज्यादा काम करने का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते बहुत सी चीजें थम गई हैं और ज्यादा काम का मौका ही नहीं मिल पाया। इस बीच बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने राज्य के प्रभारी अरुण सिंह से हालात पर चर्चा की है।
हालांकि इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्पष्ट किया था कि अंतिम निर्णय भाजपा आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। मैं उनके हर फैसले का पालन करूंगा। मुझे अगले मुख्यमंत्री को लेकर कोई परेशानी नहीं है, चाहे वह दलित समुदाय से हों या किसी अन्य समुदाय से। मैं निर्णय को स्वीकार करूंगा।
राज्य में नए सीएम के चुनाव के लिए जल्दी ही पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो सकती है, जो राज्य में विधायक दल की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान ही बीएस येदियुरप्पा के विकल्प के तौर पर नए सीएम का ऐलान किया जा सकता है।
बता दे कि बीएम येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक का सबसे बड़ा समुदाय है जिसमें लगभग 17 प्रतिशत आबादी शामिल है। यह समुदाय 35 से 40 प्रतिशत विधानसभा सीटों का परिणाम निर्धारित कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक लिंगायत समुदाय में मजबूत पकड़ रखने वाले येदियुरप्पा की जगह किसी अन्य समुदाय से सीएम बनाना भारतीय जनता पार्टी के लिए अनुकूल नहीं होगा।
कल रविवार को विभिन्न लिंगायत मठों के संतों ने बेंगलुरु के पैलेस ग्राउंड में एक सम्मेलन आयोजित किया और येदियुरप्पा को अपना समर्थन दिया। बालेहोसुर मठ के डिंगलेश्वर स्वामी ने कहा कि येदियुरप्पा को नहीं बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘येदियुरप्पा जी के नेतृत्व में समाधान खोजा जाना चाहिए। उन्हें बदला नहीं जाना चाहिए। अगर उन्हें हटाया जाता है तो कर्नाटक को और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।’