दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैयार योद्धाओं के लिए विशेष रूप से तैयार एक क्रैश कोर्स की शुरुआत की। क्रैश कोर्स को लॉन्च करने के साथ ही महामारी कोविड-19 को लेकर देश को तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज शुरू किए जा रहे क्रैश कोर्स के जरिए 1 लाख वारियर्स को महामारी का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने क्रैश कोर्स करने वाले फ्रंटलाइन वर्करों को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई की वे जल्द ही हेल्थकेयर वर्करों के सहयोग के लिए तैयार होंगे।
कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए ‘क्रैश कोर्स प्रोग्राम’ का शुभारंभ शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत इसकी शुरुआत देश भर के 26 राज्यों में स्थित 111 प्रशिक्षण केंद्रो में की जाएगी। इस मौके पर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के केंद्रीय मंत्री भी मौजूद हैं।
1 लाख फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स होंगे तैयार
कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह क्रैश कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे। फ्रंटलाइन वर्करों के इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, उम्मीदवारों को निःशुल्क ट्रेनिंग, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट, भोजन व आवास सुविधा, काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड एवं प्रमाणित उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्राप्त होगा।
कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने के बाद उम्मीदवार डीएससी/एसएसडीएम की व्यवस्था के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य सुविधाओं व अस्पतालों में काम कर सकेंगे। कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेंट होने की संभावना भी बनी हुई है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार, हर इंसान के सामर्थ्य को बार-बार परखा है। वहीं इस महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है।’
मिली जानकारी के अनुसार, तीन महीने की इस ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद लाभार्थियों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इन केंद्रों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर समेत तमाम उपकरणों से लेकर इमरजेंसी में एंबुलेंस आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। कौशल व उद्यमविकास मंत्रालय का मकसद हेल्थ केयर सेंटर में गुणवत्ता पूर्ण सहयोग प्रदान करना है ताकि हमारा देश सशक्त भारत बन सके।
6 भूमिकाओं की मिलेगी ट्रेनिंग
इसके तहत 6 भूमिकाओं में दक्षता के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ये होंगे होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट। इसकी लागत कुल 276 करोड़ रुपये है। हेल्थ सेक्टर में वर्तमान व भविष्य के लिए मानव संसाधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन मेडिकल हेल्थकेयर वर्करों का कौशल विकास करना इस प्रोग्राम का मकसद है।
क्षमताओं का विस्तार करना जरूरी है- पीएम मोदी
वही महामारी के दौरान देश में मेडिकल उपकरणों, दवाओं, अस्पताल में बिस्तर समेत मानव संसाधन तक की कमी को पूरा करने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रयासरत है। इस क्रम में ही इस प्रोग्राम की शुरुआत की जा रही है ताकि मेडिकल क्षेत्र से बाहर के लोगों को भी आवश्यकता पड़ने पर नियुक्त किया जा सके।