सहारनपुर| व्हीएसआरएस न्यूज: मुजफ्फरनगर के चरथावल विधानसभा से विधायक तथा उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री विजय कश्यप का निधन होने के बाद उनका पार्थिव शव पैतृक स्थान नानौता पहुंच गया। राज्यमंत्री की मौत कोरोना से गुरुग्राम के एक अस्पताल में हो गई थी। मौत की सूचना से यूपी में शोक की लहर है। कोरोना के दूसरे वेव में यूपी सरकार के तीन मंत्री की मौत हुई है। बुधवार को जब इनका राज्यमंत्री का पार्थिव शव इनके जन्म स्थान पहुंचा तो दूर से ही लोगों की भीड़ देखने के लिए जुट गई। वहां पर मौजूद सभी की आंखे नम थी। मंत्री का पार्थिव शव सीधे श्मशान घाट ले जाया गया। जहां पर अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।
गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में उनका पिछले कई दिनों से उपचार चल रहा था। उपचार के दौरान इनका निधन हो गया। विजय कश्यप का परिवार सहारनपुर के नानौता कस्बे में रहता था लेकिन उनकी कर्मस्थली मुजफ्फरनगर की चरथावल विधानसभा थी। वहीं से वो विधायक बने थे। विजय कश्यप योगी सरकार में बाढ़ एवं नियंत्रण राज्य मंत्री थे। विजय कश्यप के निधन पर पीएम मोदी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर शोक जताया है। पीएम ने लिखा कि भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री विजय कश्यप के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे जमीन से जुड़े नेता थे और सदा जनहित के कार्यों में समर्पित रहे। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट से विधायक विजय कश्यप मूलतः संघ कैडर के थे। वह सहारनपुर के जिला बौद्धिक प्रमुख भी रहे थे। विजय कश्यप भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य रहे थे। उनके घर पर शोक जताने वालों की भीड़ लगी है।
2017 में मुजफ्फरनगर के चरथावल से बने थे विधायक
राज्य मंत्री विजय कश्यप का परिवार मूल रूप से मुज्जफ्फरनगर के लखनौती का निवासी था। उनके पिता प्रकाशचंद कश्यप सिंचाई विभाग में सींचपाल बन गए थे और सरकारी नौकरी नानौता क्षेत्र में करने लगे थे। वह नानौता ब्लाक के गांव जैदपुरा में ही रहने लगे। यहीं उनकी चार संताने पैदा हुई। विजय कश्यप, अजय कश्यप व दो बहने संचिला व रेखा रानी थी। बडी संतान विजय कश्यप 2017 के विधानसभा चुनाव में मुज्जफ्फरनगर के चरथावल से भाजपा से विधायक बने। 2007 और 2012 का चुनाव वह हार गए थे। योगी सरकार में 21 अगस्त 2019 को राज्यमंत्री बनाया गया था।
विजय कश्यप ने प्रारंभिक शिक्षा जैदपुरा गांव से करने के बाद हाईस्कूल व इंटर नानौता के किसान सेवक इंटर कालेज से की। पोस्ट ग्रेजुएट सहारनपुर के जेवी जैन डिग्री कालेज से की थी। वर्ष 2004 में बाइक एजेंसी का काम भी किया था। भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वर्ष 2007 में उन्हें चरथावल से पहली बार टिकट मिला, लेकिन हार गए। दूसरी बार फिर 2012 में वहीं से टिकट मिला, सफलता नहीं मिली। वर्ष 2017 में पार्टी ने उनमें फिर से आस्था जताते हुए टिकट दिया था। वह जमीन से जुड़े हुए नेता थे। उनके असमय निधन से ना केवल उनके समर्थकों को बल्कि सभी क्षेत्र वासियों को भी सदमा पहुंचा है उनके निवास पर दुख प्रकट करने वालों का तांता लगा हुआ है। सरलता उनकी पहचान थी। उनके निधन से हर कोई गमगीन है।