गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: देश को कोरोना महामारी में ढकेलने वाले देश बेचू, आदमखोर-मोदी-शाह गद्दी छोड़, नकारा और हत्यारा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करो,एम्बुलेंस चोर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी को गिरफ्तार करो। पप्पू यादव को रिहा करो। 18 -44 वर्ष आयु के लिए कोविड टीकाकरण की ऑनलाइन की बाध्यता खत्म करो,पंचायत स्तर पर कोविड जांच व टीकाकरण की व्यवस्था करो,आशा कर्मी ,सफाई मजदूरों मजदूरों सहित सभी कोरोना वोलन्टियर स्वास्थ्य बीमा कराने और कोरोना भत्ता देने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की गारंटी करो इत्यादि मांग को ले राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत माले ने जिला कार्यालय गोपालगंज पार्टी कार्यालय भोरे, सासामूसा, बरौली, धर्मपरसा, श्रीपुर कांटा इत्यादि कार्यालयों व घरो में धरना देकर प्रतिवाद दिवस मनाया।
धरना को सम्बोधित करते हुए माले जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जो मौते हो रही है उस पर सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणी की है कि यह महामारी नहीं जनसंहार है। निश्चित तौर पर इस जनसंहार का जिम्मेवार मोदी-शाह सरकार है। उन्हें इसकी जिम्मेवार ठहराते हुए दोनों लोगो को अपने-अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की। धरना को सम्बोधित करते हुए माले जिला कमिटी सदस्य सुबाष पटेल ने कहा कि नीतीश सरकार ढींगे हांक रही है कि इतना टन गेंहू खरीद लिया गया, मगर सच्चाई यही है कि कहीं भी किसानों से गेंहू नहीं खरीद हो रही है जिसके कारण किसान औने-पौने दाम पर गेंहू बेचने के लिए मजबूर हैं।
क्योंकि कोरोना महामारी में इलाज कराने के लिए उनको रुपया की जरूरत है इसलिए औने-पौने दाम पर बेच रहे है हर जगह समर्थन मूल्य पर किसानों से गेंहू खरीदने, कोरोना महामारी से मौत के जिम्मेवार मोदी-शाह को इस्तीफा देने, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करने, एम्बुलेंस चोर सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी को गिरफ्तार करने व पप्पू यादव को रिहा करने की मांग की।
भोरे में धरना पर जिला कमिटी सदस्य रबिन्द्र सिंह, लाल बहादुर सिंह, अर्जुन सिंह, ज्ञानमती, गोबिंद शर्मा, हलीम जी, विजयीपुर में जितेंद्र पासवान, राजेश यादव, श्रीराम कुशवाहा,आलम खां, रामावती देवी,सरोज देवी सासामूसा में योगेन्द्र शर्मा ,रीना शर्मा,नशेमन जी,बरौली बघेजी में सुबाष सिंह,रामइकबाल साह ,फुलवरिया श्रीपुर कांटा सीमा देवी ,अखिलेश सिंह,श्रीराम शर्मा,माझा धर्मपरसा में सुरेन्द्र यादव इत्यादि के नेतृत्व में धरना दिया गया।