पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा कर्मचारियों के लिए लागू होने वाली बीमा योजना निष्क्रिय है इसकी जरुरत नहीं,क्योंकि इस योजना से कर्मचारियों को फायदा नहीं मिलेगा। खासतौर पर साफ सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए यह योजना फायदेमंद नहीं है। इसका भारी विरोध कर्मचारी महासंघ की ओर से होने के बावजूद कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने,जिद पूरा करने के कारण धनवंतरी योजना को बंद करने और एक बीमा योजना को लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
जो योजना जो पिछले पांच वर्षों से सुचारू रूप से चल रही थी,केवल किसी के व्यक्तिगत लाभ के लिए खतरे में है। जबकि कर्मचारियों को केवल धनवंतरी योजना की आवश्यकता है,बीमा अप्रभावी है,पिंपरी चिंचवड़ पालिका के श्रमिकों और कर्मचारियों ने ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कर्मचारी धनवंतरी को ही चाहते हैं, फिर जब वे इसे बंद करने और बीमा योजना को लागू करने के उद्देश्य के बारे में पूछताछ करते हैं, तो एक अलग सच्चाई सामने आयी है। दस्तूर नामक दलाल को नियुक्त किया गया है। दलाल ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस को काम दिला रहा है। यह दलाल पिंपरी चिंचवड के एक बडे नेता का समर्थक और चहेता है। मजेदार बात यह है कि न्यू इंडिया इंश्योरेंस मानव जीवन बीमा या मानव चिकित्सा बीमा के क्षेत्र में काम नहीं करता है। तो फिर न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी उप-ठेकेदार के रूप में भारत बीमा कंपनी की नियुक्ति की। बेशक इस तरह के एक उप ठेकेदार को कैसे नियुक्त किया जा सकता है का सवाल अभी भी एक अलग है। इस बीमा कंपनी को पिंपरी चिंचवड पालिका ने 20 लाख रुपये से अधिक के मेडिकल खर्च के लिए 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बफर और 1 करोड़ रुपये के आउट पेशेंट उपचार के लिए कुल 33.84 करोड़ रुपये दिए गए है।
अब सबसे बड़ी गड़बड़ी लगभग 33.84 करोड़ रुपये की है। सितंबर 2015 से दिसंबर 2020 तक लगभग 60 महीनों की अवधि के दौरान, एनएमसी को धनवंतरी योजना के तहत 99.55 करोड़ रुपये के कर्मचारियों के मेडिकल बिल मिले और अनुमान है कि 17 करोड़ 89 लाख रुपये के बिल अभी भी लंबित हैं। जिसमें से 85 करोड़ 98 लाख रुपये के बिल का भुगतान एनएमसी द्वारा किया गया है। लंबित बिलों के साथ जमा किए गए बिलों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि कुल मांग लगभग 117.45 करोड़ रुपये थी। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि हर साल लगभग 23 करोड़ 44 लाख खर्च किए गए। धनवंतरी योजना में पालिका के कर्मचारियों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए 23.44 करोड़ रुपये की लागत है और उनमें से कुछ का दावा है कि निजी चिकित्सा संस्थानों और कर्मचारियों की साजिश है। हालांकि इस काम के लिए एक बीमा योजना लागू करके पालिका सालाना 33 करोड़ 84 लाख रुपये खर्च करना चाहता है।
पिंपरी चिंचवड़ पालिका कर्मचारी महासंघ के वर्तमान अध्यक्ष अंबर चिंचवडे इस बारे में उन्होंने दो मुद्दे उठाए। अंबर चिंचवडे ने कहा कि बीमा योजना से कर्मचारियों के लिए कोई फायदा नहीं है। यह बीमा योजना गटर नाली साफ करने वाले कर्मचारिय जो नशा सेवन करते है कचरा,सीवरेज और सीवेज कार्यों में शामिल 70 प्रतिशत श्रमिकों को बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जबकि सबसे ज्यादा इन्हीं श्रमिकों को वास्तव में चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता है। नगरपालिका प्रशासन को धन्वंतरी योजना को मजबूत करना चाहिए ताकि किसी की मिलीभगत का कोई सवाल ही न हो। पालिका में वर्तमान में करीब साढ़े सात हजार स्थायी कर्मचारी हैं। उनमें से 5,000 कर्मचारियों ने धनवंतरी की मांग वाली याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।