उचकागांव। व्हीएसआरएस संवाददाता: बंद हथुआ चीनी मिल के कामगारों का संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पिछले 22 वर्षों से बंद चीनी मिल कामगारों के बकाया भुगतान अब तक नहीं होने से भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई कामगार आर्थिक संकट के कारण बीमार हो गए है। वर्ष 2018 में सरकार ने चीनी मिल कर्मियों के भुगतान के लिए प्रथम फेज में करीब 16.50 करोड़ रूपए भेजा था। जिसका भुगतान तत्कालीन डीएम अनिमेष पराशर ने वर्ष 2019 में किया। लेकिन उसके बाद से दूसरे फेज में करीब 130 कर्मियों के बकाए राशि का भुगतान नहीं किया गया।
पिछले आठ माह भुगतान संबंधित फाइल लंबित पड़ा हुआ है। इसको लेकर कई बार हथुआ चीनी मिल के महासचिव बलिराम सिंह ने पत्र लिखकर भुगतान की मांग की। बावजूद भुगतान नहीं किया गया। एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना की मार से आम से खास तक परेशान है वहीं दूसरी तरफ कर्मियों के बकाए राशि के भुगतान नहीं होने से हालात बिगड़ रहे है।
चीनी मिल के महासचिव बलिराम सिंह ने भुगतान कराने को लेकर सूबे के समाज कल्याण मंत्री सह हथुआ विधायक रामसेवक सिंह को एक ज्ञापन देकर कोरोना महामारी को देखते हुए बकाया राशि के भुगतान करने की मांग की है।