पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) जहां औरंगाबाद को संभाजीनगर नाम दिए जाने को लेकर राजनीतिक दलों के बीच मौखिक युद्ध हो रहा है वहीं अब पुणे का नाम बदलने की मांग भी जोर पकडने लगी है। संभाजी ब्रिगेड ने पुणे का नाम बदलकर जीजापुर करने की मांग की है। यदि औरंगाबाद को संभाजीनगर के रूप में बदलने में समय लगता है,तो पुणे को माता जीजाऊ के रूप में नाम दें और शहर का नाम बदलकर जीजापुर करें।ऐसी मांग संभाजी ब्रिगेड के राज्य संगठक संतोष शिंदे ने की है। जीजाऊ ने पुणे शहर को स्थापित किया। पुणे में जीजाऊ का इतिहास है। पुणे शहर माँ साहेब जीजाऊ और छत्रपति शिवाजी महाराज की बहादुरी का प्रतीक है। इतिहास के प्रतीकों का सम्मान करना सीखें ऐसा शिंदे ने कहा। उन्होंने राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात की भी आलोचना की। थोरात तिलक वाड़ा में बैठे छत्रपति संभाजी महाराज के इतिहास को नहीं जानते या पचा नहीं पाएंगे। हम अपनी विरासत को गौरव के साथ आगे क्यों ना बढाएं।
इस बीच राज्य में महाविकास की सरकार एकसूत्री सर्वमान्य कार्यक्रम के साथ आयी है। हालांकि औरंगाबाद के विभागीय आयुक्त द्वारा रिपोर्ट की गई कि यह कांग्रेस की भूमिका नहीं है। विकास हमारी प्राथमिकता होगी। कम से कम एक ही कार्यक्रम पर महाविकास आघाडी सरकार का गठन किया गया है। संभाजीनगर के रूप में औरंगाबाद के नामकरण का मुद्दा कम से कम एक ही कार्यक्रम में नहीं है। बालासाहेब थोरात ने कहा कि हम नाम बदलने पर विश्वास नहीं करते हैं।
स्मार्ट सिटी अभियान में संभाजीनगर का उल्लेख औरंगाबाद में एक बार फिर विवादों में घिर गया। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर का पूर्व नाम खड़की,औरंगाबाद बनाया गया था। आई लव औरंगाबाद,लव प्रतिष्ठान,लव खड़की को प्रदर्शित करके सेल्फी पॉइंट बनाए गए हैं। शिवसेना के विधायक अंबादास दानवे की मातृभूमि प्रतिष्ठान ने शहर के टीवी सेंटर क्षेत्र में संभाजी महाराज की प्रतिमा के पास सुपर संभाजीनगर नाम का एक प्रदर्शन किया था।