पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक और पाठ्यचर्या विकास बोर्ड (बालभारती) ने पाठ्यक्रम विकास के लिए नियुक्त विषय समितियों और अध्ययन समूहों को खारिज कर दिया है। राज्य में सरकार के परिवर्तन के बाद भाजपा द्वारा नियुक्त विषय समितियों और अध्ययन समूहों को बर्खास्त कर दिया गया है और शिक्षा विभाग में मौजूदा सरकार के सदस्यों को नए नियुक्त अध्ययन बोर्डों में शामिल करने के लिए चर्चा चल रही है।
2014 में राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद जब विनोद तावड़े शिक्षा मंत्री बने तो ग्रेड एक से बारह के लिए एक नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए विषय समितियों और अध्ययन समूहों का पुनर्गठन किया गया। बालभारती की प्रचलित प्रणाली को बदलकर अध्ययन मंडल का नाम बदलकर विषय समिति और अध्ययन समूह कर दिया गया। 2014 से 2018 तक नई विषय समितियों और अध्ययन बोर्डों को नियुक्त किया गया था। नई नियुक्ति प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की गई थी। इन नियुक्तियों में बीजेपी से जुड़े सदस्यों की नियुक्ति,रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में आयोजित प्रबुद्धता वर्ग और पुनर्गठित पाठ्यक्रम ने भी विवादों को जन्म दिया।
अब जबकि संबंधित विषय समिति और अध्ययन समूह को बालभारती से खारिज कर दिया गया है,निदेशक दिनकर पाटिल ने संबंधित सदस्यों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया है। राज्य सरकार बदलने के बाद पिछली विषय समितियों और अध्ययन समूहों को भंग कर दिया गया है। निकट भविष्य में नए सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि सत्ता में तीन दलों से संबंधित व्यक्तियों को नई विषय समितियों और अध्ययन समूहों में नियुक्त किए जाने की संभावना है।