दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज : तालिबान ने अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद शहर को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है। अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण में अब काबुल लमेत देश की 34 में से सिर्फ सात प्रांतीय राजधानियां ही बची है। वहीं, तालिबान ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनका अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बलपूर्वक घुसने का कोई इरादा नहीं है।
अशरफ गनी सरकार के एक पूर्व शीर्ष वरिष्ठ सलाहकार ने जलालाबाद के पतन की खबर की पुष्टि की, उन्होंने उम्मीद जताई है कि तालिबान प्रांत में नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। शनिवार को अशरफ गनी ने अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौराना उनको काबुल और पड़ोसी प्रांतों की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई थी। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में यूएस चार्ज डी’अफेयर्स रास विल्सन और अमेरिकी सेना कमांडर ने भाग लिया और दोनों ने अफगान बलों को अपना समर्थन देने की बात कही।
आपको बताते चले कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटों बलों की वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है। तालिबान ने पिछले सप्ताह में अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद अफगानिस्तान की केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है। उधर, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है।
वही अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था और इसके साथ ही पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर चरमपंथियों का कब्जा हो गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम 20 वर्षों की उपलब्धियों को बेकार नहीं जाने देंगे। हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है।