Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे समेत महाराष्ट्र भर में गणेशोत्सव की धूम मची है। आज बप्पा घर घर,पंडाल पंडाल विराजमान हुए। दस दिनों तक चलने वाला गणेशोत्सव इस साल भी कोरोना के चलते सादगी से बिना कोई भीड़भाड़ जुटाए मनाया जा रहा है। हर्षोल्लास के माहौल में चंद श्रद्धालुओं की उपस्थिति,शहनाई,वादन और अनुष्ठान पूजा,शहर के पांच प्रमुख गणपतियों के बप्पा का आज विधि विधान,पूजा अर्चना,मंत्रोच्चारण के बीच विराजमान हुए। कोरोना संक्रमण की पृष्ठभूमि में इन सभी गणपति मंडलों ने पिछले साल की तरह ही सादगी से पर्व मनाने का निर्णय लिया है। सभी गणेश मंडलों ने भक्तों के लिए ऑनलाइन दर्शन करने की व्यवस्था की है।
कस्बा गणपति:
1893 में स्थापित पहले श्री कस्बा गणपति सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल में बाप्पा की आरती के साथ पुणे के स्थापना की गई। सांसद गिरीश बापट और उनकी पत्नी ने सुबह 11:38 बजे किया। कुछ पदाधिकारियों की उपस्थिति में परंपरानुसार श्री की मूर्ति को पालकी में बैठाकर महोत्सव मंडप में लाया गया। फेसबुक पेज पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की थी।
तंबाडी जोगेश्वरी गणपति:
श्री की मूर्ति बप्पा शहनाई-वादन श्रद्धाभाव के बीच प्राणप्रतिष्ठा की गई। इस बोर्ड की स्थापना 1893 में हुई थी। प्राचार्य वेदमूर्ति मोरेश्वर घैसास गुरुजी के हाथों सुबह 11.30 बजे गणेश मूर्ति स्थापना की गई।
गुरुजी तालीम गणपति:
पुणे के तीसरे गणपति गुरुजी तालीम गणपति का यह 135वां वर्ष है। इस बोर्ड की स्थापना 1887 में हुई थी। गुरुजी तालीम मंडल के बप्पा की प्राणप्रतिष्ठा श्रीमंत भाऊ रंगारी गणपति मंडल के प्रधान पुनीत बालन ने दोपहर 1 बजे किया।इस साल त्योहार साधारण तरीके से मनाया जाएगा,इसलिए सामाजिक गतिविधियों पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। यह उत्सव मूर्ति का स्वर्ण जयंती वर्ष है। इस बार ढोल-नगाड़े स्थिर तरीके से बजाए गए।
तुलसीबाग गणपति:
श्री तुलसीबाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल शहर में चौथा सम्मानित प्रमुख गणपति में से एक है। इस गणपति की स्थापना 1901 में हुई थी। श्री मंडल की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा,आरती व्यवसायी युवराज धमाले ने दोपहर 12.30 बजे किया। मंदिर के चारों ओर बेल महल की आकर्षक सजावट सरपले बंधुओं द्वारा की गई है। बप्पा का स्वागत गणेश याग मंत्रोचारण जैसे धार्मिक अनुष्ठानों से किया गया है। इस बार ढोल-नगाड़े स्थिर तरीके से बजाए गए।
केसरीवाड़ा गणपति:
1901 में स्थापित,केसरी वाड़ा गणपति पुणे में पांचवें सबसे सम्मानित गणपति हैं। केसरीवाड़ा गणेशोत्सव मंडल की ओर से परंपरा के अनुसार पालकी से गणेश मूर्ति को केसरीवाड़ा लाया गया। केसरी के ट्रस्टी रोहित तिलक और उनकी पत्नी प्रणति तिलक ने सुबह 10 बजे स्थापित करके पूजा अर्चना की। महोत्सव के दौरान कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
दगडूशेठ हलवाई गणपति:
दगदूशेठ हलवाई पब्लिक गणपति ट्रस्ट के श्री को ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक गोडसे ने सुबह 9:45 बजे अपने करकमलों द्धारा स्थापित किया। इस वर्ष ऋषि पंचमी के अवसर पर प्राण प्रतिष्ठापन समारोह,श्री दर्शन और अथर्वशीर्ष पाठ समारोह ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। मुख्य मंदिर में भी गणपति को कोरोना की पृष्ठभूमि में स्थापित किया गया है। इस अवसर पर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। सैक्सोफोन और मधुर वाद्ययंत्रों की मदद से गणपति के गीत का प्रदर्शन किया गया।
अखिल मंडई गणपति मंडल:
अखिल मंडई गणपति मंडल के श्री श्री का उद्घाटन दोपहर 12 बजे साधारण साज-सज्जा और शहनाई वादन के साथ हुआ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ.समारोह की अध्यक्षता अविनाश भोंडवे और उनकी पत्नी मीना भोंडवे ने की। मंदिर को सूर्य की अवधारणा के आधार पर आकर्षक फूलों से सजाया गया है। अखिल मंडई मंडल के गणेशोत्सव का यह 128वां वर्ष है। न्यू गंधर्व बैंड के बैंड ने इस बार बैंड बजाकर बप्पा का स्वागत किया गया।
श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट:
दोपहर 12.30 बजे ट्रस्ट के श्री गुरुजी तालीम मंडल के अध्यक्ष प्रवीण परदेशी ने गणेशजी की स्थापना की। समारोह शहनाई वादन द्वारा निर्मित मंगलमयी माहौल में आयोजित किया गया था। बोर्ड ने रंगीन कांच की सहायता से बप्पा के चारों ओर आकर्षक व्यवस्था की है।