Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना के कारण पिछले दो साल से आषाढ़ी वारी समारोह बाधित रही। हालांकि कुछ वारकरियों के बीच परंपरा को बनाए रखा गया था। लेकिन अब जबकि कोरोना आ चुका है,सरकार ने सारी पाबंदियां हटा ली हैं। इसलिए इस साल पैदल वारी पंढरपुर तक होना तय हैै। वारकरी अभी से तैयारी कर रहे है। इसी तरह 21 जून को संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी पंढरपुर के लिए प्रस्थान करने की घोषणा की गई है। पंढरपुर में एकादशी की पूर्व संध्या पर हुई बैठक में पैदल वारी का कार्यक्रम पेश किया गया। इससे वारकरियों में उत्साह का माहौल है। इस साल पालकी समारोह में तारीख बढ़ा दी गई है। इसलिए पालकी लोणी में ढाई दिन और फलटन में दो दिन रहेगी। दिंडीकरियों की मांग के अनुरूप इस वर्ष से वाहन पास संस्थान की सिग्नेचर स्टांप के साथ जारी किए जाएंगे। संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी समारोह प्रमुख एड.विकास धागे पाटिल ने दिया।
आषाढ़ी पैदल वारी पालकी समारोह कार्यक्रम
यह घोषणा की गई है कि श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी उत्सव मंगलवार 21 जून को शाम 4 बजे आलंदी से प्रस्थान करेंगी। बुधवार 22 और गुरुवार 23 तारीख को पुणे,शुक्रवार 24 और शनिवार 25 तारीख को सासवड,रविवार 26 तारीख को जेजुरी, सोमवार 27 तारीख को वल्हे,मंगलवार 28 और बुधवार 29 तारीख को लोणी,गुरुवार 30 तारीख को तरदगांव, शुक्रवार 1 और शनिवार 2 जुलाई फल्टन,रविवार 3 सोमवार बराड़, सोमवार 4 नाटेपुते,मंगलवार 5 वें मालशीरस,बुधवार 6 वेलापुर,गुरुवार 7 वें भांडीशेगांव,शुक्रवार 8 तारिख को वाखरी और शनिवार 9वें श्री क्षेत्र पंढरपुर में प्रस्थान व व़िश्राम। आषाढ़ी एकादशी रविवार 10 जुलाई को मनाई जाएगी। पालकी समारोह में चांदोबाचा लिम्ब,बाजीराव विहिर और इस्बावी में एक स्टैंडिंग अखाड़ा और पुरंदवडे (सदाशिवनगर),पनिव पति,ठाकुरबुवा और बाजीराव विहिर में एक गोल अखाड़ा होगा।
बिना पास वाले वाहनों पर रोक
पालखी समारोह के दौरान अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए जिन वाहनों के पास पास नहीं है उन्हें वार्ड में नहीं छोड़ा जाएगा। इसकी सूचना पुलिस को दी जाएगी। दिंडी वाहन गुजरते समय बाधित दिंडी प्रमुखों ने उसकी सराहना की। समारोह से पहले संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग का काम पूरा करने का टारगेट है॥ सासवड में पुल निर्माण के लिए छह करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। लेकिन यह काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
जेजुरी के लिए 9 एकड जमीन
सरकार ने जेजूरी को नए बेस के लिए 9 एकड़ जमीन मुहैया कराई है। पालकी समारोह से पहले पालकी के फर्श को सुसज्जित किया जाना चाहिए। सड़क के चौड़ीकरण ने कई दिंडीॅ की लाइनिंग और आवास को बदल दिया है। पुलिस को पता नहीं है। वे कारों को नहीं जाने देते। इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को देनी चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क का डिवाइडर बरकरार होने से पालकी समारोह के वाहनों के लिए दाएं से बाएं आना मुश्किल होगा। इसके लिए प्लानिंग होनी चाहिए। पालकी हाईवे पर शराब की दुकानें सड़क से 500 से 700 मीटर की दूरी पर बंद होनी चाहिए। पालकी के तल के लिए 25 एकड़ आरक्षित रखना चाहिए। कुंभ मेले की तर्ज पर पालकी के तल के लिए जगह आरक्षित की जाए।
पालकी के आगे 271 और पीछे 251 दिंडी पंजीकृत
संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी समारोह में रथ के आगे 271 और रथ के पिछले भाग में 251 दिंडी पंजीकृत हैं। 125 से 150 अपंजीकृत डिंडी भी हैं। समारोह के दौरान इन लोगों को वाहन पास जारी किए जाएंगे। वाहन पास के दुरुपयोग को रोकने के लिए पंजीकृत डिंडी चालक 15 मई तक वाहन का नंबर, चालक का नाम और मोबाइल नंबर संस्थान को दे दें। इस साल माउली के साथ करीब पांच लाख समुदाय होंगे। स्वास्थ्य,पानी,बिजली,सड़क और सुरक्षा को लेकर सरकार,स्थानीय प्रशासन उचित कार्रवाई करेगी। विकास धागे पाटिल ने ऐसा कहा है।
आषाढ़ी वारी पाई दिंडी पालकी समारोह की योजना बनाने के लिए श्री क्षेत्र पंढरपुर स्थित संत ज्ञानेश्वर महाराज मठ में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक पालकी समारोह के मालिक बालासाहेब अरफलकर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में श्रीमंत उर्जित सिंह शिटोले, मुख्य ट्रस्टी योगेश देसाई, ट्रस्टी डॉ. अभय तिलक, हबाब नामदेव महाराज वास्कर, रानू महाराज वास्कर, श्री. विट्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति के ट्रस्टी मौली जलगांवकर, डिंडी समाज के अध्यक्ष भाऊ महाराज गोसावी, सचिव मारुति कोकाटे बालासाहेब रांडवे, भागवत चावरे, भाऊ फुरसुंगिकर, सोपंकका तेम्बुकर, गुरुजीबुवा रशींकर, शरद गायकवाड़, बालासाहेब उकलीकर, एकनाथ हांडे, दिनकर वंजाले, राजाभाऊ थोरात,बालासाहेब वंजाले, प्रबंधक मौली वीर, सह प्रबंधक श्रीधर सरनाइक उपस्थित थे।